स्कूली बच्चों के लिए शिक्षा मंत्रालय ने एक नई पहल की है इस क्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 17 अक्टूबर को एक प्रोग्राम लॉन्च किया। जिसमें स्कूली बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि और जिज्ञासा बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने “अपना चंद्रयान” कार्यक्रम लॉन्च किया। इस प्रोग्राम के तहत शिक्षा मंत्री चंद्रयान मिशन पर रंगीन किताबें ,ऑनलाइन क्विज और पहेली सहित गतिविधि आधारित सामाजिक सहायता सामग्री के साथ एक वेब पोर्टल लांच कर चुके हैं। स्कूली छात्रों के लिए यह एक्टिविटी बेस्ड सहायता सामग्री एनसीईआरटी द्वारा विकसित की गई है।
वैज्ञानिक तकनीकी और सामाजिक पहलुओं सहित चंद्रयान मिशन के विभिन्न पहलुओं का व्यापक अवलोकन प्रदान करने के लिए चंद्रयान-3 पर 10 विशेष मॉड्यूल भी लॉन्च किए गए हैं। इसमें इसरो अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉक्टर शएस सोमनाथ ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया और उपस्थित रहे चंद्रयान-3 पर एक्टिविटी बेस्ड सहायता सामग्री और विशेष मॉड्यूल का उद्देश्य बच्चो में वैज्ञानिक सोच विकसित करना है। शिक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि इससे स्कूली बच्चों में जिज्ञासा ,समस्या समाधान और रचनात्मकता बढ़ती है।
बता दें कि स्कूली बच्चों को इसी सत्र से चंद्रयान-3, जी-20 समिट और कोरोना प्रबंधन जैसी बड़ी उपलब्धियां को पढ़ाया जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि 2024 में होने वाली तीसरी से 12वीं तक की परीक्षाओं में इनसे जुड़े सवाल भी पूछे जाएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि इसके जरिए न केवल अगले सत्र से आने वाली किताबों के करंट व पदार्थ की शैली के बारे में प्रस्तुति की झलक मिलेगी बल्कि स्कूली छात्र देश दुनिया के अधिकतम विषयों को भी जान सकेंगे।
इसके लिए सप्लीमेंट्री मटेरियल अक्टूबर नवंबर के दौरान हिंदी ,अंग्रेजी व अन्य 21 भाषाओं में देश के सभी स्कूलों में पहुंचेगा या पोर्टल पर मुहैया कराया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर एनसीईआरटी ,सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति संयुक्त रूप से 15 विषयों पर मॉड्यूल तैयार कर रहे हैं। मंगलवार को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चंद्रयान मिशन का पहला कंटेंट जारी कर दिया है यह कार्यक्रम इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ की मौजूदगी में लॉन्च हुआ जिसके तहत एनसीईआरटी ने “भारत ऑन द मून” पोर्टल लॉन्च किया।