राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग यानी एनएमसी ने इस साल एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए यह नियम निकाला है की ,मेडिकल में एडमिशन लेने के साथ ही प्रत्येक छात्र को एक परिवार गोद लेना होगा। इसे उन्होंने फैमिली एडॉपशन प्रोग्राम का नाम दिया है।
अब हर मेडिकल छात्र को एडमिशन के समय ही कम से कम एक परिवार को गोद लेना होगा ।इसके साथ ही पढ़ाई के दौरान गांवों में शिविर भी लगाने होंगे और बीमारों को अस्पताल लाया जाएगा ।
दरअसल राष्ट्रीय आय विज्ञान आयोग यानी एनएमसी ने इस साल से एमबीबीएस पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन गाइडलाइंस 2013 के अनुसार छात्र को गोद लेने के लिए परिवार की देखरेख करनी होगी सरकार का मानना है कि इस योजना से लोगों की सेहत सुधारने में मदद मिलेगी इस तरह पर गोद लिए गए परिवार की उस छात्र को देखभाल करनी होगी
सरकार की योजनाओं के तहत कम खर्च या इलाज की व्यवस्था करेंगे।
साथ ही आयुर्विज्ञान आयोग ने एमबीबीएस के सिलेबस में बदलाव करते हुए कहा है कि ग्रेस मार्क्स अब से नहीं मिलेंगे।
12 जून को जारी ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन के तहत पूरक बच्चों को खत्म कर दिया गया है ।इसकी जगह छात्रों को परीक्षा परिणाम के तीन 6 सप्ताह के भीतर फिर से परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी इसके साथ ही ग्रेस मार्क्स की सुविधा भी खत्म कर दी गई है।