सार :

पेरिस ओलंपिक 2024 के 13वे दिन भारत ने दो मेडल देश के नाम कर दिए 13 दिन ओलंपिक का भारत के लिए काफी अच्छा रहा दिनेश फोगाट के ओलंपिक से बाहर होने के बाद भारत को भारतीय हॉकी टीम और नीरज चोपड़ा से उम्मीद थी। अब दोनों नहीं भारत का भरोसा जीता है दो मेडल और भारत के खाते में जोड़ दिए हैं शानदार और ऐतिहासिक जीत की कहानी को लिए हम बताते हैं विस्तार में।

विस्तार :

पेरिस ओलंपिक 2024 में 13वें दिन भारत के लिए बहुत ही शानदार रहा। भारतीय हॉकी टीम ने जहां ब्रॉन्ज मेडल के लिए स्पेन को हराया तो वहीं भारतके स्टार खिलाड़ी जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भी भारत का परचम फहरा दिया और भारत का नाम रोशन किया। विनेश फोगट के ओलंपिक से भारत बाहर होने के बाद भारतके पास एक ही आशा थी के 13वें दिन होने वाले हॉकी मैच में भारत को मेडल मिले, तो वही नीरज चोपड़ा को मेडल मिलने पर भारत के खाते में पांच मेडल आ जाएं और यह उम्मीद सही निकली। कल से पहले भारत के पास केवल तीन ब्रोंज मेडल थे जो की शूटिंग ही आए थे और अब भारत के खाते में पांच मेडल हो गए हैं चार ब्रॉन्ज मेडल और एक सिल्वर मेडल। नीरज ने लगातार दूसरे ओलंपिक गेम्स में मेडल जीता है नीरज ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं।

भारत के खाते में अब तक 5 मेडल : पेरिस ओलंपिक का आज 14 वा दिन है और अब तक पेरिस ओलंपिक में भारत ने 5 मेडल जीत लिए हैं। इससे में चार ब्रॉन्ज और एक सिल्वर मेडल शामिल है। अगर हम शुरुआत से बात करें तो सबसे पहले मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीता। फिर दूसरा ब्रॉन्ज भी मनु भाकर ने मिक्स्ड टीम इवेंट में दिलाया। उनके साथ सरबजोत सिंह भी टीम में थे। तीसरा ब्रॉन्ज मेडल स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग की मेन्स 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में दिलाया। यानी तीन मेडल जो भारत के हक में आए हैं वह केवल शूटिंग में ही है। उसके बाद फिर कल 13वे दिन फिर हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल और नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल भारत को दिलाया।

भारतीय हॉकी टीम ने ब्रांज मेडल जीत देश का नाम किया रोशन :

पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारत ने स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रोंज मेडल अपने नाम कर लिया। इस ओलंपिक में भारत का यह चौथा ब्रॉन्ज मेडल रहा। पिछले तीन ब्रॉन्ज मेडल शूटिंग में मिले हैं। इस ऐतिहासिक मुकाबले में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हर हरमनप्रीत सिंह ने दो गोल दागे। बता दें कि ओलिंपिक का यह ब्रॉन्ज मेडल मैच गोलकीपर श्रीजेश का आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला था। उन्होंने ओलिंपिक से पहले ही अपने संन्यास का ऐलान कर दिया था। श्रीजेश ने ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 11 पेनल्टी कॉर्नर सेव किए थे। यह मैच पेनल्टी शूटआऊट में गया था, इसमें भी उन्होंने 2 शानदार सेव किए थे। भारतीय टीम ने ओलिंपिक गेम्स में हॉकी में 13वां मेडल जीता है। यह टीम का चौथा ब्रॉन्ज मेडल है। इससे पहले टीम 8 गोल्ड और एक सिल्वर जीत चुकी है। बता दें कि भारत ने इतिहास रच दिया है, भारत ने 52 साल बाद लगातार दो ओलिंपिक गेम्स में हॉकी का ब्रॉन्ज जीता है। इससे पहले भारतीय हॉकी टीम ने 1968 और 1972 के ओलिंपिक में लगातार दो मेडल जीते थे।

ब्रॉन्ज मेडल के साथ हॉकी टीम ने अपने सीनियर प्लेयर और दिग्गज गोलकीपर श्रीजेश को पदक से विदाई दी क्योंकि उन्होंने पहले ही संन्यास का फैसला ले लिया था। ऐसे में श्रीजेश को सम्मानजक विदाई भी भारत के इस शानदार खेल की वजह बनी। शुरुआती 10 मिनट के खेल में भारत ने लगातार आक्रमण किए। इस दौरान भले ही कोई पेनल्टी कॉर्नर नहीं मिला, लेकिन भारत ने एक फील्ड गोल्ड का सुनहरा मौका भी गंवा दिया। पहले क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई, लेकिन दूसरा क्वार्टर भारत के लिए बुरी खबर लेकर आया। मैच28वें मिनट में भारत को मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे स्पेशलिस्ट हरमनप्रीत सिंह की जगह अमित रोहिदास ने लिया। मगर डेढ़ मिनट के भीतर-भीतर भारत ने अपनी गलती सुधार ली। इस बार मिले पेनल्टी कॉर्नर पर कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने लो राइट कॉर्नर पर दनदनाता हुआ गोल दागा और हाफ टाइम से चंद सेकंड पहले भारत को मैच में बराबरी दिला दी थी। 11वां गोल दागते हुए भारत को 2-1 की लीड दिला दी, जो अंत तक बरकरार रही।

नीरज चोपड़ा ने फिर रचा इतिहास, देश को सिल्वर मेडल का तोहफा :

टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतकर भारत का नाम रौशन करने वाले स्टार नीरज चोपड़ा ने कल पेरिस ओलंपिक के 13वे दिन भी इतिहास रच दिया। वह इस खेल में देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाले पहले खिलाड़ी थे। इसके बाद तो नीरज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और हर बड़े कॉम्पटीशन में मेडल अपने नाम किया। पेरिस ओलंपिक-2024 में भी उनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद थी लेकिन नीरज गोल्ड नहीं ला सके और सिल्वर से ही भारत को संतोष करना पड़ा। नीरज ने ये मेडल तब जीता जब उनका पहला प्रयास फेल रहा था। वह पहले प्रयास में फाउल कर बैठे थे। इस बीच नदीम ने दमदार थ्रो फेंक पहला स्थान हासिल कर लिया। नीरज ने दूसरे प्रयास में 89.45 का थ्रो फेंका और दूसरे स्थान पर आ गए। नीरज पर नदीम का थ्रो से आगे निकलने का दबाव और हड़बड़ाहाट साफ दिख रही थी।

पेरिस में भी उनसे गोल्ड की उम्मीद थी, लेकिन वह चूक गए और सिल्‍वर मेडल से संतोष करना पड़ा। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर का थ्रो फेंक गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। नदीम ने ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड पर कब्जा किया। नीरज ने 89.45 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल पर कब्जा किया। इसी के साथ नीरज दो ओलंपिक मेडल जीतने वाले भारत के चौथे खिलाड़ी बन गए हैं। नीरज का सिर्फ एक ही प्रयास सफल रहा। बाकी पांच में वह फाउल कर बैठे। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स 88.54 के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे और ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहे।

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