यूजीसी ने जारी किए भर्ती के नए नियम जिसके मुताबिक असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए नेट सिलेक्ट और सेट ही काफी है अब विद्यार्थियों को इसके लिए पीएचडी करने की जरूरत नहीं है, अब विशेषज्ञों के पास बिना डिग्री गेस्ट प्रोफेसर बनने का मौका।
देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए अब केवल नेट, सेट और स्लेट होना न्यूनतम योग्यता होगी। “पीएचडी” की अनिवार्यता खत्म करते हुए, यूजीसी ने यह नियम जारी किया है। शिक्षकों की कमी को देखते हुए भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को “यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन” यूजीसी ने जून 2021 में 2 साल के लिए अपवाद के रूप में खत्म कर दिया है अब उसी स्थिति को लागू रखते हुए भर्ती का नया नियम बना दिया गया है।
लेकिन एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर या प्रमोशन के लिए पीएचडी होना जरूरी है अगर असिस्टेंट प्रोफेसर प्रमोशन पाना चाहते हैं या गेस्ट प्रोफेसर ,प्रमोशन पाकर एसोसिएट प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें पीएचडी करना अनिवार्य है यह पहले की तरह ही लागू किया जाएगा।
अब विशेषज्ञ भी बन सकेंगे गेस्ट प्रोफेसर: यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को शिक्षकों के रिक्त पद भरने के लिए आदेश दिया है इसके लिए सरकार ने “प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस पोर्टल” शुरू किया है जिस पर विभिन्न विषयों के अनुभवी विशेषज्ञ इस पोर्टल पर रजिस्टर करा सकते हैं चाहे उनके पास शैक्षणिक योग्यता या पीएचडी ना हो लेकिन यदि वे इस क्षेत्र में लंबा अनुभव किए हुए हैं और उनके पास लंबी अनुभव है तो वह अतिथि प्रोफेसर के तौर पर अप्लाई कर सकते हैं।