बारिश ने अपना रंग बदलना शुरू कर दिया है, जुलाई के शुरुआती दिनों में सुस्त पड़ा मानसून अब एक्टिव हो गया है और उत्तर भारत के राज्यों में रविवार को भारी बारिश से बाढ़ के हालात तक बन गए। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर में भूस्खलन और अन्य हादसों में 19 लोगों की जानें गई है। जहां तक की मौसम विभाग के अलर्ट के बाद अमरनाथ यात्रा तक रोक दी गई।
दिल्ली में रविवार सुबह तक 24 घंटे में 153 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं हिमाचल के मनाली में 52 साल का रिकॉर्ड टूट गया है और तेज भारी बारिश से पहाड़ों पर जलप्रलय आ गया। गुड़गांव में 48 साल का रिकॉर्ड टूटा 151 मिलीमीटर पानी बरसा। दिल्ली और गुरुग्राम में सड़के नदी बन गई और नदियां उफान पर आ गई। यमुना में बढ़ते जलस्तर को देखकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर दी है।
उत्तरी रेलवे ने 17 ट्रेनें रद्द कर दी, सैलानियों को पर्वतीय इलाकों में ना जाने की सलाह भी दी गई है। वहीं अगर मध्य भारत की बात करें तो रविवार को दिनभर बादल छाए रहे और कहीं-कहीं बारिश भी देखने को मिली है। और अभी कुछ दिनों तक मौसम विभाग के द्वारा भारी बारिश का अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मनाली में व्यास नदी में बाढ़ के आने के कारण भयावह दृश्य देखने को मिला नदी में बाढ़ के साथ कई कार बह गई। वही 20 जगह लैंडस्लाइड्स होने से 736 सड़कें बंद कर दी गई। 17 जगह बाढ़ की स्थिति आ चुकी है, चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे 33 का हिस्सा बह चुका है।
वही उत्तर प्रदेश से खबर आए आ रही है भारी बारिश के कारण मकान के गिरने से हादसा हो गया और तीन लोगों की पेड़ गिरने से मौत हो गई।