उत्तर भारत में लगातार हो रही बेहिसाब बारिश ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, और लगातार मौसम विभाग से भारी बारिश होने की चेतावनी दी जा रही है। वही सारी नदियां उफान पर आ गई है और अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बड़े-बड़े इलाकों में भी बाढ़ से स्थिति बन गई है और कभी भी बाढ़ आ सकती है हिमाचल और उत्तराखंड में जारी बेहिसाब बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 2 दिन में छोड़े गए पानी के चलते दिल्ली में बाढ़ का संकट आ सकता है।

पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के चलते मैदानी इलाकों में बाढ़ का संकट बना हुआ है। वहीं हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण दिल्ली में बाढ़ का संकट मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 2 दिन उत्तराखंड में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। केंद्रीय जल आयोग ने आशंका जताई है कि गुरुवार सुबह तक जलस्तर 208 मीटर तक पहुंच जाएगा।

बता दें कि इससे पहले 6 सितंबर 1978 को यमुना का जलस्तर 207 हुआ था तब दिल्ली में बाढ़ आ गई थी।

वही अगर मध्य भारत की बात करें तो इधर मध्य प्रदेश के विदिशा में बाढ़ जैसी स्थिति बन चुकी है वहीं शिप्रा और बीना नदी भी उफान पर चल रही है। उज्जैन में 2 दिन से लगातार जारी बारिश के चलते शिप्रा नदी का जलस्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है नदी के तटों से सटे कई मंदिरों में पानी भर चुका है और मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में यहां बहुत ज्यादा बारिश हुई है और आगे भी अच्छी बारिश होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं वहीं अगर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की बात करें तो पूरे प्रदेश में तीन-चार दिन से बहुत भारी बारिश हो रही है और 24 घंटे से जिले में भारी बारिश के चलते सिरोंज, कुरवाई व गंजबासौदा क्षेत्र के लगभग 20 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं विदिशा में सबसे अधिक नुकसान 3 गांवों में हुआ है।

मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी मध्य हिस्से में चक्रवाती हवा का घेरा बन गया है। उसकी ऊंचाई 7.6 किलोमीटर है मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यदि यह आगे बढ़ा तो अगले तीन-चार दिन प्रदेश में अच्छी बारिश होने की संभावना है।

वहीं अगर हिमाचल प्रदेश की बात करें तो वहां पर जिलों से संपर्क कट चुका है लगातार सरकार वहां संपर्क साधने की कोशिश कर रही है। क्योंकि इन जिलों में भारी बारिश के चलते ना बिजली है ,ना फोन नेटवर्क और 20000 लोग भी फंसे हुए हैं 50000 लोगों को अब तक निकाला जा चुका है।

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