सिक्किम में मंगलवार को देर रात अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी है। लोग घरों से बेघर हो चुके हैं कई लोग इस हादसे में अपनी जान गवा चुके हैं। मंगलवार देर रात को बादल फटने से यह हादसा हुआ। जिससे कि कई घर उजड़ गए कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। बता दे के सरकार ने इसे प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया है जिससे जान माल की बहुत ज्यादा हानि की है।

सिक्किम में लहोनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी के बेसिन में बाढ़ आ गई। जिससे भारी तबाही मच गई अब तक 18 शब मिल चुके हैं और 98 लोग लापता है। वहीं इसमें 22 जवान भी है। उनकी तलाश के लिए तीस्ता नदी और उत्तरी बंगाल के निचले हिस्से में बचाव अभियान जारी है। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया जा चुका है वहीं 22,000 लोग इससे प्रभावित हुए हैं। इस तबाही में 11 पुल टूट चुके हैं वहीं नेशनल हाईवे जो कई गांवों और शहरों को जाता है वह भी पूरी तरह तबाह हो चुका है।

इस तबाही से चुंगथांग शहर के 80 फ़ीसदी हिस्से को नुकसान हुआ है। लोगों को तीस्ता से दूर रहने की सलाह दी है क्योंकि इसका जल स्तर लगातार बढ़ रहा है।

विशेषज्ञों ने 2021 में इस तबाही की चेतावनी दी थी: बता दें कि शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने 2 साल पहले ही 2021 में इस हादसे की चेतावनी दे दी थी। 13,000 करोड रुपए में बना तीस्ता 3 पनबिजली परियोजना का 60 मीटर ऊंचा बांध लहोनक झील से आई बाढ़ के कारण पूरी तरह ध्वंस हो गया। विशेषज्ञों ने इसकी जानकारी पहले ही दे दी थी कि सिक्किम में दक्षिण झील भविष्य में फट सकती है और निचले क्षेत्र को तबाह कर सकती है।

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