सार :

भीषण गर्मी ने आम जन जीवन अस्त व्यस्त करके रख दिया है। आज नौतपा का चौथा दिन है और सूरत आग उगल रहा है। देश में जहां गर्मी ने हर राज्य पर अपना कब्जा कर लिया है तो वही बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न लो प्रेशर क्षेत्र की वजह से चक्रवात देश के तटवर्ती राज्यों को प्रभावित कररहा है। राजधानी दिल्ली में भी गर्मी ने आफत मचा रखी है। यहां 27 मई को कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। आईए जानते हैं पूरी ख़बर विस्तार में।

विस्तार :

देश के अधिकतर हिस्से भीषण गर्मी की चपेट में हैं। देश के अन्य मैदानी राज्यों में तो प्रचंड गर्मी की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी गर्मी ने आफत मचा रखी है, यहां 27 मई को कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया और अगले कुछ दिनों तक लू से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। कई राज्यों में इस गर्मी में मैं सालों पुराने रिकॉर्ड भी तोड़ दिए हैं। हर जगह तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है जहां राजस्थान में तापमान 48 डिग्री पहुंच चुका है वही मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में 45 डिग्री बना हुआ है।राजधानी दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में 28 मई तक भीषण गर्मी का दौर जारी रहने की संभावना व्यक्त की गई है। विभाग ने गर्मी को देखते हुए राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के अलावा दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और गुजरात के लिए हीटवेव का ‘रेड’ अलर्ट जारी किया है।

बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न चक्रवात से कई राज्यों में प्री मानसून बारिश होने की संभावना भी है। तूफ़ान रेमल पश्चिम बंगाल समेत बंगाल में प्रवेश कर चुका है। मौसम विभाग ने बताया है कि इस बीच हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी और भारी बारिश की चेतावनी भी जताई गई है। चक्रवाती तूफान रेमल ने अपनी दिशा और गति बदल ली है। लेकिन ये साल का पहला चक्रवाती तूफान था। बंगाल की खाड़ी में बना पहला साइक्लोन भी अरब सागर आमतौर पर बंगाल की खाड़ी की तुलना में ज्यादा शांत रहता है, इसलिए ज्यादातर साइक्लोन बंगाल की खाड़ी में आते हैं। न कि अरब सागर में लेकिन पिछले कुछ सालों से अरब सागर में इनके आने की दर, तीव्रता व भयावहता बढ़ती जा रही है।

राजधानी दिल्ली में गर्मी से बेहाल लोग :

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में अगले 3 दिनों तक गंभीर लू का प्रकोप रहने की आशंका है। इस दौरान दिन का पारा 48 डिग्री तक पहुंच सकता है। वहीं न्यूनतम तापमान 31° रहने की संभावना है। अगले चार दिनों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में रात का मौसम भी गर्म रहने की आशंका व्यक्त की गई है। राजधानी दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में 28 मई तक भीषण गर्मी का दौर जारी रहने की संभावना व्यक्त की गई है। मैदानी राज्यों में भीषण गर्मी की मार झेलनी पड़ रही है और मैदानी राज्यों में लू का अलर्ट जारी किया जा चुका है। भीषण गर्मी ने देश के आधे से ज्यादा हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया है। तापमान इतना ज्यादा है कि दिन के समय लोगों का घरों से बाहर निकालना दुश्वार हो गया है। सार्वजनिक स्थल, हाट बाजार सभी दिन के समय सूने पड़े दिखाई दे रहे है।

राजस्थान और मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी :

भीषण गर्मी के तेवर अभी कम होने के आसार नहीं लग रहे हैं। इस साल में से ज्यादा गर्मी जून में पढ़ने की आशंका है। सबसे ज्यादा असर राजस्थान पंजाब हरियाणा दिल्ली अप मध्य प्रदेश और गुजरात में देखने को मिलेगा मौसम विभाग के अनुसार जून में इस बार हीट वेव के दन दिन सामान्य से दुगने होंगे। वही अभी इन राज्यों में मौसम के तेवर तीखे नजर आ रहे हैं मध्यप्रदेश के 12 जिलों में रेड अलर्ट 40 जिलों में येलो अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को देश के 47 शहरों में तापमान 47 डिग्री तक रहा तो वही राजस्थान के कुछ जिलों में 49.4 डिग्री तक दर्ज किया गया। बता दें कि राजस्थान के जयपुर समेत कई जिलों में तापमान 49 डिग्री तक पहुंच चुका है जो रिकॉर्ड तोड़ है और झुलसा देनेवाला है इतनी ज्यादा तापमान में लोगों को घर से बाहर न निकलने की और सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। बता दे कि मई का महीना अपने अंतिम चरणों में पहुंच चुका है और जून में भारत में मानसून की एंट्री हो जाती है लेकिन इस बार मानसून के 1 से 2 दिन जल्दी आने की संभावना जताई गई थी, जो देखा भी जा रहा है। मानसून के 31 मई को केरल में दस्तक देने की संभावना है। यहां प्री मानसून की गतिविधियां देखी जाने लगी है और बारिश चालू है।

मानसून की कब होगी दस्तक कब मिलेगी भीषण गर्मी से राहत :

जून के पहले हफ्ते में मानसून दक्षिण व पूर्वोत्तर के राज्यों में छा जाएगा। इससे हवा में नमी बढ़ेगी लेकिन देश के उत्तर पश्चिम सेलेकर मध्य भारत केराज्यों में आनेवाली हवाएं उमस को बढ़ाएंगी इससे इन राज्यों में दिन और रात के तापमान बढ़ेगा। मई के महीने में अचानक गर्मी बढ़ने का कारण कोई नई पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय नहीं होना बताया जा रहा है। मई के महीने में पांच पश्चिमी विकशॉप आए इसके चलते मई के पहले पखवाड़े में उत्तर पश्चिम के राज्यों में हीटवेव नहीं चली इसकेबाद कोईभी पश्चिमी विकशॉप सक्रिय नहीं हुए ऐसे में 16 मई से हीट वेव का दौर शुरू हुआ जो अभी तक चालू है। प्री मॉनसून सीजन में बंगाल की खाड़ी में अक्सर तूफान आते रहते हैं। इस बार भी मौसम विभाग ने 26 मई को चक्रवाती तूफ़ान रिमल के आने की बात कही है लेकिन इस बार तूफान चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में तांडव मचा सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में 27 मई को भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। वहीं पश्चिम बंगाल के कुछ ज़िलों में इस दौरान 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तूफानी हवाएं चलने की संभावना है।मई का महीना चक्रवातों का महीना कहलाता है इस महीने मे महासागरों में कई चक्रवात पैदा होते हैं जिसके चलते देश के मौसम में आंधी तूफान जैसी स्थितियां पैदा होती है और बारिश की गतिविधियां देखी जाती है, इसे प्री मानसून भी कहा जाता है। वही बंगाल की खाड़ी में भी एक लो प्रेशर एरिया चक्रवर्ती परिसंचरण के रूप में बन रहा है।

देश में अल नीनो प्रणाली कमजोर हो रही है और ला नीना स्थितियां सक्रिय हो रही हैं, जो इस साल अच्छे मॉनसून के लिए अनुकूल है। केरल में मानसून आने की सामान्य तिथि एक जून होती है। इस साल प्री मॉनसून यानी अप्रैल महीने से जून के बीच जब तक भारत में मॉनसून मजबूत नहीं हो जाता तब तक तूफान आने के आसार कम थे, हालांकि मॉनसून में इस बार जमकर तूफान आने वाले हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *