सार :

बीते दिन बुधवार को देश में अब तक की गर्मी के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। राजधानी दिल्ली में अभी तक का सर्वाधिक तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो असल में चिंता का विषय है। मानव जाति, जीव जंतु, पेड़ पौधे सभी के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। भयावह गर्मी ने अब तक सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। देश में 48.5 डिग्री तापमान तो सामान्य सी बात हो गई है और बीते दिन तो राजधानी दिल्ली में देश का अब तक का सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया आईए जानते हैं मौसम की पूरी खबर विस्तार में।

विस्तार :

देश में बुधवार को गर्मी के सभी रिकॉर्ड टूट गए। पहली बार दिल्ली में दिन का अधिकतम तापमान 52.9 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार अरावली पर्वत से घिरे बाहरी इलाके मुंगेशपुर वेदर स्टेशन पर बुधवार दोपहर 2:30 पर यह स्थिति बनी। तापमान की इस चरम सीमा से मौसम वैज्ञानिक भी आश्चर्य में पड़ गए हैं। ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच की जाएगी। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि राजस्थान की गर्म हवाओं के करण दिल्ली में अत्यधिक गर्मी पढ़ रही है और इसीलिए बुधवार को तापमान इतना ज्यादा दर्ज किया गया। वही बुधवार को दिल्ली समेत 10 शहरों में 48 डिग्री से अधिक तापमान रहा। देश में 16 साल पहले सिर्फ 9-10 राज्यों में ही अत्यधिक गर्मी और लू का असर देखा जाता था, लेकिन अब इस भीषण गर्मी ने कई राज्यों को लगभग 20 राज्यों को अपनी चपेटमें ले लिया है। पहले बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात के अलावा मध्य प्रदेश का उत्तर पश्चिम क्षेत्र और महाराष्ट्र का विदर्भ इलाका भीषण गर्मी में शामिल था लेकिन, पिछले 10-15 सालों में तापमान में 5 से 7 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में, राजस्थान के कई हिस्सों, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में, बिहार, झारखंड, ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में हिटवेब से लेकर गंभीर लू की स्थिति बनने की संभावना है तथा जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति रहने की संभावना है। इसलिए राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में भीषण गर्मी से बचाव के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी गई है और सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। दिन के समय घर से निकलने पर परहेज करने की बात भी कही गई है।

उत्तर भारत में गर्मी के सारे रिकॉर्ड टूटे :

इस बार देश में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उत्तर भारत समेत मध्य भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। , भयावय गर्मी ने देश के लगभग 20 राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया है। जिससे आम जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो चुका है। देश के 20 से ज्यादा राज्यों में इस समय प्रचंड गर्मी का प्रकोप चल रहा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में 29 मई तक राहत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस वक्त देश के 40 शहरों में पारा 45 डिग्री के पार चला गया है। राजस्थान के फलौदी में तो पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जहां राजस्थान में तापमान 50 डिग्री को छूने वाला है तो वहीं अन्य राज्यों का भी इस तरह का ही हाल देखा जा रहा है। दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, यूपी, महाराष्ट्र समेत कई मैदानी राज्यों का यही हाल है जहां गर्मी से कोई राहत मिलने के असर नजर नहीं आ रहे हैं। राजस्थान सरकार द्वारा आर्टिफिशियल रेन कराई जा रही है। ऐसे में लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस साल में से ज्यादा गर्मी जून में पढ़ने की आशंका है। सबसे ज्यादा असर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली , उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और गुजरात में देखने को मिलेगा मौसम विभाग के अनुसार जून में इस बार हीट वेव के दन दिन सामान्य से दुगने होंगे। वही अभी इन राज्यों में मौसम के तेवर तीखे नजर आ रहे हैं मध्यप्रदेश के 12 जिलों में रेड अलर्ट 40 जिलों में येलो अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। गर्मी से राहत के लिए राजस्थान मैं यह हाल हो चुके हैं कि नगर निगम द्वारा राज्य सरकार आर्टिफिशियल रेन करवा रही हैजिससे कि आज तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज की जा सके। लेकिन गर्मी से राहत के कोई असर नजर नहीं आ रहे हैं।

मध्य प्रदेश में टूटे गर्मी के सालो के रिकॉर्ड :

मध्यप्रदेश में इस समय 48 डिग्री से ज्यादा तापमान के चलते लोगों का हाल बेहाल है। सभी को मानसून का इंतजार है, कब बारिश हो और इस भीषण गर्मी से राहत मिले। भीषण गर्मी के तेवर अभी कम होने के आसार नहीं लग रहे हैं। इस साल में से ज्यादा गर्मी जून में पढ़ने की आशंका है। सबसे ज्यादा असर राजस्थान पंजाब हरियाणा दिल्ली अप मध्य प्रदेश और गुजरात में देखने को मिलेगा मौसम विभाग के अनुसार जून में इस बार हीट वेव के दन दिन सामान्य से दुगने होंगे। मध्यप्रदेश के लिए राहत भरी खबर है। इस वर्ष मानसून अपने तय समय पर दस्तक दे सकता है। पिछले साल मानसून समय से लेट पहुंचा था। देश की बात करें तो केरल में इस बार मानसून एक दिन पहले ही पहुंचने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश में मानसून शुरूआती दौर से ही झमाझम बारिश कराएगा। पिछले साल जहां केरल में एक हफ्ते की देरी से पहुंचने पर मध्यप्रदेश में भी मानसून कमजोर था, तो वहीं इस साल ज्यादा सक्रिय रहेगा और पूरे समय पर्याप्त बारिश कराएगा। केरल में मानसून 31 मई को पहुंच जाएगा, जिसके बाद 15 दिनों में ये मध्यप्रदेश में एंट्री ले सकता है। यानी 15 जून तक प्रदेशवासियों को गर्मी से पूरी तरह राहत मिल सकती है।

रेमल तूफ़ान से इन राज्यों में हो रही मूसलाधार बारिश :

देश में दो तरह के मौसम देखने को मिल रहे हैं। जहां देश का का लगभग 70 से 80% हिस्सा गर्मी में झुलस रहा है तो वहीं अन्य राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है और यह बारिश बंगाल की खाड़ी में आए तूफान की वजह से देखी जा रही है जो मानसून के जल्दी आने में मदद कर रही है। उप हिमालयी पश्चिम बंगाल एंव सिक्किम में भारी बारिश की गतिविधियां देखने की बहुत संभावना है। बंगाल की खाड़ी में आया बंगाल की खाड़ी में आया रिमाल तूफान ने अब भारतके पूर्वी राज्यों का रुख कर लिया है। ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल से लेकर अब यह पूर्वी राज्यों की ओर बढ़ चुका है और वहां भारी बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही है। असम एंव मेघालय में अत्यन्त भारी वर्षा और इसके बाद 2 जून, 2024 के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। वही इस तूफान ने लक्षद्वीप को भीप्रभावित किया है यहां भी भारी से बहुत भारी वर्षा होने की बहुत संभावना है। अरुणाचल प्रदेश में भी भारी बारिश की चेतावनी जताई गई है। केरल एंव माहे में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की बहुत संभावना है।

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