सार :

देश में दो अलग-अलग वेदर सिस्टम एक्टिव है। देश में कोई एक जैसा मौसम देखने को नहीं मिल रहा है कहानी भारी वर्षा होने से बाढ़ जैसी स्थितियां पैदा हो गई है तो कहीं भीषण गर्मी लोगों की जिंदगी हैरान परेशान हो गई है। हालत यह तक हो गए हैं कि देश के एक हिस्से में दिल चलती धूप से जीवन प्रभावित हो रहा है और देश में अब तक का सबसे ज्यादा तापमान 52.9 डिग्री देखने को मिल गया है। तो वहीं एक और भारी वर्षा से लोगों की जिंदगी खतरे में आ गई है और बाढ़ से जीवन प्रभावित हो रहा है। आईए जानते हैं पूरी खबर विस्तार में।

विस्तार :

देश में नोतपा चल रहे हैं इस बार नौतपा में भीषण गर्मी देखने को मिली है और अब तक का सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया है। दिल्ली का तापमान 52.9 डिग्री तक पहुंच चुका है जो बहुत ही ज्यादा है। जिससे जीव जंतु, पेड़ पौधों सभी पर एक बुरा असर पड़ सकता है तो वहीं देश के नॉर्थईस्ट भीषण बारिश के कारण जीवन प्रभावित हो रहा है। लगभग 6 राज्यों में भारी बारिश हुई जिससे कि यहां बाढ़ जैसी स्थितियां पैदा हो गई हैं। नौतपा के सातवें दिन शुक्रवार को कुछ प्रदेशों में 50% इलाकों में गर्मी से मामूली सी राहत मिली है तापमान में हल्की सी गिरावट दर्ज की गई है। इस बार 25 मई से नौतपा शुरू हो गए थे जो बहुत भारी पढ़ रहे हैं। नौतपा का सातवां दिन भी बीत गया है इन 7 दिनों में 5 दिन खूब तेज गर्मी पड़ी, इस दौरान तापमान 45 से 48 डिग्री के आसपास ही रहा और राजधानी दिल्ली में तो यह तापमान 52.9 डिग्री तक पहुंच गया जो अब तक का देश का सबसे ज्यादा तापमान है। ऐसा 6 साल बाद हुआ जब देश में नौतपा के 5 दिन खूब तेज गर्मी पड़ी है।

इस बार नौतपा ने अपने रंग दिखाए हैं। देश में गर्मी से ज्यादा उमस के कारण लोग बेहाल दिखाई दिए हैं। गर्मी का प्रकोप इस कदर रहा है कि लोगों ने दिन के समय घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है। दिन और रात के तापमान में लगभग 13 से 14 डिग्री का अंतर देखा जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जब मई के महीने में तापमान सामान्य से ज्यादा रहता है तो नदियों और तालाबों का पानी के भाप बनने की रफ्तार बढ़ जाती है, इस कारण जिन स्थानों पर जलाशय होते हैं वहां उमस ज्यादा देखी जाती है और नमी बढ़ जाती है।देश में हर बार मानसून 1 जून को केरल के रास्ते देश में प्रवेश करता है, इस बार मानसून के जल्दी आने के आसार जताए गए थे जो कि देखा भी गया है। मानसून ने केरल के रास्ते देश में 30 मई को ही प्रवेश कर लिया है। लेकिन इस बार मानसून ने सिर्फ केरल के रास्ते ही प्रदेश में प्रवेश नहीं किया है। इसने पूर्वी राज्यों के जरिए भी देश में प्रवेश किया है।

देश में दो विपरीत मौसम पेटर्न :

देश में दो अलग अलग मौसम के मिजाज हैं जहां मैदानी राज्यों समेत उत्तर भारत में मिशन गर्मी से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है तो वही नॉर्थ ईस्ट राज्यों में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। चक्रवात रमल की रफ्तार पर सवार दक्षिण पश्चिम मानसून के गुरुवार को केरल के तट और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है। मानसून का दोनों तरफ से एक साथ पहुंचना दुर्लभ माना जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक रविवार को बंगाल की खाड़ी और बांग्लादेश में आए चक्रवात रेमल ने मानसून ने प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की और खींच लिया था पूर्वोत्तर में मानसून जल्दी पहुंचने का यह एक कारण हो सकता है। इस साल मानसून केरल में भविष्यवाणी से एक दिन और नियत तारीख से 2 दिन पहले पहुंच गया है। और इन राज्यों में अब बारिश की गतिविधियां देखने को मिलने लगी है पूर्वोत्तर राज्योंका हाल तो यह है कि यहां लगातार बारिश के चलते बाढ़ जैसी स्थितियां और कहीं-कहीं भारी वर्षा से बाढ़ आ चुकी है।

वही उत्तर भारत और मध्य भारत में मौसम के अलग में जांच देखने को मिल रहेहैं यहां भीषण गर्मी से लोग परेशान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपालमें तापमान 1.7 डिग्री लुढ़ककर 42.4 डिग्री पर आ गया सीधी जिले में तापमान 48.5 डिग्री ही रहा जो सब प्रदेश का सबसेगम गर्म जिला रहा वहीं खजुराहो में तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया प्रदेशमें 11 शहरों में तापमान 45 डिग्री के ऊपर दर्ज किया गया है इतनी भीषण गर्मी से लोगों का बुरा हाल है लगातार अस्पतालों में लगातार डिहाईड्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर हम मध्य प्रदेश और उत्तर भारत में मानसूनके आगमन की बात करें तो एमपी में मानसून 15 जून और भोपाल मेंमानसून 20 जून तक एंट्री ले सकता है इसी के साथ उत्तर भारत के राज्यों में मानसून 21 से 25 जून के बीच एंट्री ले लगा और 30 मई तक लगभग पूरे देश को कर कर लेगा।

नॉर्थ ईस्ट के 6 राज्यों में आई बाढ़, भारी बारिश :

इस बार मानसून कलर के साथ-साथ नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भी प्रवेश कर चुकाहै इसका एक अहम कारण बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न रमल तूफान को भी बताया जा रहा जिसकी वजह से लगातार बारिश की गतिविधियां देखने को मिल नहीं है और नॉर्थईस्ट के छह राज्यों में बाढ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है पिछले दो दिनों से जारी बारिशके चलते अधिकांश नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं कई स्थानों पर बाढ़ और भूस्खलन के चलते अब तक 43 से ज्यादा लोगों की मौत की खबरें भी सामने आई है इंफाल में स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया था। वही यहां भारी बारिश के चलते लगभग 4000 लोग प्रभावित हुए हैं। असम में 10 जिलोंमें भारी कर डिलीट जारी किया गया है तो वही नदियोंके उफान पर चलने से कई गांवों को खाली कराया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिक्किम में तीस्ता नदी तूफान पर चल रही है जबरदस्त बारिशके कारण यह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है सिक्किम में तीस्ता नदी की तलहटी में रहने वाले नागरिकों के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाने का अलर्ट जारी किया गया है वही नागालैंड में बारिश से कई जिलों में तबाही जैसा आलम देखने को मिल रहा है जान और माल की भारी हानि भी हो रही है। असम राइफल के जवानों ने इंफाल शहर में बाढ़ में फंसे लगभग 1000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है।

राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत में भीषण गर्मी, तापमान 52.9° पार :

इस बार 25 में से नौतपा शुरू हो गए थे जो बहुत भारी पढ़ रहे हैं। नौतपा का सातवां दिन भी बीत गया है इन 7 दिनों में 5 दिन खूब तेज गर्मी पड़ी, इस दौरान तापमान 45 से 48 डिग्री के आसपास ही रहा और राजधानी दिल्ली में तो यह तापमान 52.9 डिग्री तक पहुंच गया जो अब तक का देश का सबसे ज्यादा तापमान है। उत्तर भारत समेत राजधानी दिल्ली में हालात यह है कि लोग घरों से बाहर ही नहीं रहे हैं। भीषण गर्मी ने इन राज्यों को अपनी चपेट में बुरी तरह से जकड़ लिया है। वही लोगों को सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। राज्य सरकार द्वारा गर्मी से निपटने के लिए गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई है। अभी दिल्ली का अधिकतम तापमान 48 डिग्री से 50 डिग्री के बीच बना हुआ है, तो वहीं न्यूनतम तापमान 33 से 35 डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा है। हालात यह है कि लोगों ने दिन के समय अपने कामों को टालना शुरू कर दिया है। अक्सर लोग शाम के समय तापमान कम होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं, जो सही भी है

मॉनसून का हुआ आगमन :

मानसून ने केरल के रास्ते देश में 30 मई को ही प्रवेश कर लिया है। लेकिन इस बार मानसून ने सिर्फ केरल के रास्ते ही प्रदेश में प्रवेश नहीं किया है। इसने पूर्वी राज्यों के जरिए भी देश में प्रवेश किया है। बता दें कि बंगाल की खाड़ी में आए तूफ़ान रेमल की वजह से मानसून में डिसबैलेंस नजर आया और केरल के साथ-साथ मानसून ने पूर्वी राज्यों की तरफ भी रुख कर लिया है जिसके चलते 30 मई से केरल में तो बारिश की गतिविधियां देखी जा रही है साथ ही पूर्वी राज्यों में भी भीषण बारिश देखी जा रही है। केरल में मानसून के प्रवेश करने के लगभग 15 दिन बाद मानसून मध्य प्रदेश में प्रवेश करता है। इस बार भी इसी तरह के आसार नजर आ रहे हैं। लगभग 15 दिन बाद मानसून मध्य प्रदेश में प्रवेश कर जाएगा। 15 जून से पहले इसके मध्य प्रदेश में आने की संभावना है। जिससे कि लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। 21 से 25 जून तक मानसून पूरे देश को कवर कर लेता है। इस बार मानसून दो से तीन दिन जल्दी आयाbहै इसीलिए इसके जल्दी देश को कवर करने की उम्मीद है

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