सार :
रविवार को देश में नौतपा का आखिरी दिन रहा नौतपा की विदाई के साथ-साथ भीषण गर्मी की भी विदाई हो गई है। देश के कई राज्यों में प्री मानसून की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। जिससे तेज गर्मी के 13 दिन के लंबे सफर बाद अब थोड़ी राहत मिली है। राजधानी दिल्ली में भी मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। दक्षिण पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होने के बाद बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन तक ऐसा ही मौसम रहने की और भीषण गर्मी से कुछ राहत की उम्मीद जताई जा रही है। तो आईए जानते हैं मौसम की ताज़ा जानकारी विस्तार में।
विस्तार :
इस बार देश में भीषण गर्मी पड़ी है और गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। अधिकतम तापमान 52.9 डिग्री दर्ज किया गया जो अभी तक का देश का सबसे अधिक तापमान रहा। इतनी भीषण गर्मी के बाद अब इस गर्मी से राहत मिलने की घड़ी आ गई है। नए पश्चिमी विक्षोभ और प्री मानसून की घटनाएं देखने को मिलने वाली है जिससे भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। दिल्ली में मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं दक्षिण पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होने के बाद बारिश होने की संभावना प्रबल है। इससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार, लक्षद्वीप, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलावा सिक्किम, उप -हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में रविवार को हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश के आसार थे जो देखा भी गया। वहीं, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पूर्वोत्तर भारत के साथ-साथ ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर बिहार में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। यानी अब देश में मौसम बदलने वाला है।
देश में अब तक का सबसे ज्यादा तापमान 52.9 डिग्री देखने को मिल गया है। इस बीच राहत भरी खबर सामने आई है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है इसके सक्रिय होने से राजस्थान के कई इलाकों में मौसम में बदलाव नजर आ रहा है। अधिकतम तापमान में गिरावट से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली। राजधानी दिल्ली में रविवार को धूल भरी आंधी चली और कही कहीं बारिश की गतिविधियां देखी गई, तो वहीं यही हाल उत्तर भारत के अन्य राज्यों का भी है। मौसम विभाग ने यहां भी मौसम में बदलाव होने के आसार जताए हैं। ये सभी प्री मानसूनी घटनाएं है और नए पश्चिमी विक्षोभ का असर है। जल्द ही इन राज्यों में भी मॉनसून की एंट्री होने वाली है। मध्य प्रदेश में भी बारिश की गतिविधियां देखने को मिली है इस नए पश्चिमी विक्षोभ का असर सभी मैदानी राज्यों में देखने को मिलेगा।
राजधानी समेत उत्तर भारत में बदलेगा मौसम :
दिल्ली के कई इलाकों में आज रविवार दोपहर मौसम ने अचानक करवट ली और तेज हवाओं के साथ बारिश की बूंदों से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। पश्चिमी दिल्ली में धूल भरी आंधी चलने से दिन में ही अंधेरा छा गया। वहीं, कुछ जगहों पर बूंदाबांदी देखने को मिली.दिल्ली से सटे गुरुग्राम में कई हिस्सों में मध्यम बारिश दर्ज की गई। भारतीय मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में 1 जून को दिल्ली-एनसीआर में 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी के साथ बूंदाबांदी होने का अंदेशा जताया था। दिल्ली में कल यानी 2 जून को भी तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। इस दौरान तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे लोगों को गर्मी की तपिश से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार , इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 43 से 44 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून के आगमन से पहले ही बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही है। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में मॉनसून की एंट्री के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती दिखाई दे रही हैं। बता दें कि केरल में मॉनसून का आगमन हो चुका है और जल्द ही यह अन्य राज्यों तक पहुंच सकता है। इसके अलावा दिल्ली में 30 जून तक मॉनसून दस्तक दे सकता है.
मध्य भारत में हुआ प्री मॉनसून का आगमन :
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में दोपहर से मौसम बिगड़ने लगा और शाम होते होते तेज़ आंधी चलने लगी जिसके साथ बारिश भी हुई। यह बारिश कहीं हल्की तो कहीं तेज़ थी। जिससे मौसम में गर्मी से राहत मिली। बताया जा रहा है कि यह नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हो रहा है तो कोई इसे प्री मानसून एक्टिविटी बता रहा है जिससे इन राज्यों में गर्मी से थोड़ी राहत तो मिली है। अब देश के सभी मैदानी राज्यों में भी बारिश की एंट्री होने वाली है या हम कहें कि हो गई है। बीते दिन दिल्ली, up, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान में बारिश की गतिविधियां देखी गई है साथ ही हवा की रफ्तार भी तेज रही । लोग गर्मी से राहत के लिए मानसून की राह देख रहे हैं। मानसून ने केरल के रास्ते देश में प्रवेश भी कर लिया है और इस बार मानसून जल्द आ गया है, अन्य राज्यों में भी इसके जल्दी आने की उम्मीद जताई जा रही है। केरल में मानसून के प्रवेश करने के लगभग 15 दिन बाद मानसून मध्य प्रदेश में प्रवेश करता है। इस बार भी इसी तरह के आसार नजर आ रहे हैं। लगभग 15 दिन बाद मानसून मध्य प्रदेश में प्रवेश कर जाएगा।
पूर्वोत्तर भारत में बारिश से तबाही :
इस बार मानसून केरल के साथ-साथ नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भी प्रवेश कर चुका है इसका एक अहम कारण बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न रमल तूफान को भी बताया जा रहा जिसकी वजह से लगातार बारिश की गतिविधियां देखने को मिल नहीं है और नॉर्थईस्ट के छह राज्यों में बाढ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है पिछले दो दिनों से जारी बारिश के चलते अधिकांश नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। असम में 10 जिलों में भारी कर डिलीट जारी किया गया है तो वही नदियों के उफान पर चलने से कई गांवों को खाली कराया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।सिक्किम में तीस्ता नदी तूफान पर चल रही है जबरदस्त बारिश के कारण यह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है सिक्किम में तीस्ता नदी की तलहटी में रहने वाले नागरिकों के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाने का अलर्ट जारी किया गया है वही नागालैंड में बारिश से कई जिलों में तबाही जैसा आलम देखने को मिल रहा है जान और माल की भारी हानि भी हो रही है। असम राइफल के जवानों ने इंफाल शहर में बाढ़ में फंसे लगभग 1000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है।
जल्द ही देश को कवर करेगा मॉनसून :
मानसून ने केरल के रास्ते देश में 30 मई को ही प्रवेश कर लिया है। लेकिन इस बार मानसून ने सिर्फ केरल के रास्ते ही प्रदेश में प्रवेश नहीं किया है। इसने पूर्वी राज्यों के जरिए भी देश में प्रवेश किया है। बता दें कि बंगाल की खाड़ी में आए तूफ़ान रेमल की वजह से मानसून में डिसबैलेंस नजर आया और केरल के साथ-साथ मानसून ने पूर्वी राज्यों की तरफ भी रुख कर लिया है। पूर्वी राज्यों में भी भीषण बारिश देखी जा रही है। केरल में मानसून के प्रवेश करने के लगभग 15 दिन बाद मानसून मध्य प्रदेश में प्रवेश करता है। इस बार भी इसी तरह के आसार नजर आ रहे हैं। लगभग 15 दिन बाद मानसून मध्य प्रदेश में प्रवेश कर जाएगा। 15 जून से पहले इसके मध्य प्रदेश में आने की संभावना है। जिससे कि लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। 21 से 25 जून तक मानसून पूरे देश को कवर कर लेता है।