सार :

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने पद से इस्तीफा देने के बाद वह सोमवार को भारत आ गई हैं। इसके बाद सेना के चीफ ने एक प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी और हालात पर काबू पाया जाएगा। इस घटना के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा करने से मना किया है। तो आईए जानते हैं पूरी खबर विस्तार में।

विस्तार :

पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर शुरु हुए बवाल ने भीषण रूप ले लिया, वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना से उनकी कुर्सी छीन ली गई। लोग लगातार भारी प्रदर्शन के करते रहे और बाद में तख्तापलट तक हो गया। हालात यह बन गए की प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने ही देश से भाग कर भारत में शरण लेना पड़ा है। अभी भी लगातार यहां से बेचैन करने वाली खबरें सामने आ रही है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच, प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के एक दिन बाद मंगलवार को संसद भंग कर दी। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। वहीं बांग्लादेश के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने हिंसाग्रस्त देश में कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर हमले की खबरों के बीच पुलिस बल के प्रत्येक सदस्य से धीरे-धीरे ड्यूटी पर लौटने और सार्वजनिक सुरक्षा तथा कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल करने के काम में जुटने का आह्वान किया है।

बता दे कि बांग्लादेश में यह प्रदर्शन तब भड़का जब सरकारी नौकरियों में कुछ खास लोगों के एक वर्ग के लिए आरक्षण प्रणाली के खिलाफ जुलाई के मध्य से छात्रों के विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। बांग्लादेश छोड़ते ही पूरे देश में भारी बवाल देखा जा रहा है। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। लोगों पर भी प्रदर्शन कारी लगातार हमले कर रहे हैं। सोमवार को शेख हसीना भाग कर भारत आ गई हैं। सोमवार को वह भारत पहुंची और वह यहां कुछ समय के लिए शरण ले सकती हैं। पहले खबरें आ रही थी कि वह लंदन जाने वाली है लेकिन अब ऐसे हालात नज़र नहीं आ रहे हैं।

हिंसा के बाद सोमवार को भारत में ली शरण :

बांग्लादेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी ही है। बंगलादेश की पूर्व प्रधानमन्त्री शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद सोमवार को शेख हसीना भाग कर भारत आ गई हैं। सोमवार को वह भारत पहुंची और वह यहां कुछ समय के लिए शरण ले सकती हैं। बांग्लादेश में विवादित कोटा सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। जिसने एक भयानक रूप ले लिया है। इस सिस्टम के तहत 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए लड़े गए संग्राम में हिस्सा लेने वालों के रिश्तेदारों को 30% सरकारी नौकरियां दी जाती थीं। अब इस पर प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि इस सिस्टम के जरिए शेख हसीना और उनकी पार्टी अपने वफादारों को फायदा पहुंचाती हैं। जिससे वह नौकरी से वंछित रह जाते हैं और सीटें भर जाती हैं। बता दें कि बांग्लादेश में यह प्रदर्शन पिछले महीने शुरू हुए और तब से अब तक इस प्रदर्शन में करीब 300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। ऐसी खबरें हैं कि पूर्व पीएम हसीना लंदन जा सकती हैं। वहीं, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है। बांग्लादेश की राजधानी में अस्थिर स्थिति के बीच एयर इंडिया और इंडिगो ने ढाका के लिए विशेष उड़ानें शुरू कीं, जिसमें 400 से अधिक लोगों को लाया गया। एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान बुधवार सुबह ढाका से छह शिशुओं सहित 205 लोगों को लेकर नई दिल्ली पहुंची। शेख हसीना को बांग्लादेश में हो रहे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शनों की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। सोमवार को प्रदर्शनकारी ढाका स्थित पीएम आवास में घुस गए। वहां सभी प्रदर्शनकारियों ने घर के सामानों का खूब इस्तेमाल किया कई आपत्तिजनक वीडियो बनाकर भी सोशल मीडिया पर डालें। प्रदर्शनकारी ने पीएम आवास की धज्जियां और डाली वहां के सामान की तोड़ा फोड़ी की।

क्या अब भारत में ही रहेगी शेख हसीना ?

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर भारत आने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि वो किसी यूरोपीय देश जा सकती हैं। आज बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी। यह जानकारी सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने दी है। हसीना के बेटे सजीब वाजिद जॉय ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि लोकतंत्र बहाल होने पर शेख हसीना बांग्लादेश वापस जाएंगी। सजीब वाजिद जॉय ने कहा कि बांग्लादेश में एकदम से हालात बेकाबू हो गए थे, उस समय मेरी मां को सुरक्षा देने के लिए भारत सरकार ने हामी भरी और मैं उनका धन्यवाद देना चाहता हूं। शेख हसीना के बेटे सजीब वाजिद जॉय ने आगे कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश में लोकतंत्र तत्काल बहाल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए।

शेख हसीना भारत की बजाय यूरोपीय देशों का रुख करना चाहती हैं. हालांकि शेख हसीना ने भारत में एक लंबा समय अपने परिवार के साथ बिताया है, जब उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की 1975 में हत्या कर दी गई थी उसी दौर में शेख हसीना भारत में रही थीं। उसी दौरान उन्होंने आकाशवाणी में काम भी किया था. भारत सरकार की ओर से अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वो कितने दिनों तक शेख हसीना को अपने यहां शरण दे सकता हैं। शेख हसीना कुछ दिन भारत में रहने के बाद अपने रिश्तेदारों के पास फिनलैंड जा सकती हैं.हालांकि उनके बेटे का कहना है कि स्थिति सामान्य होने पर वे वापस देश लौटेंगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *