सोमवार को चुनाव की तारीखों के घोषित होते ही प्रशासन हरकत में आ गया जगह-जगह लगे बैनर ,होर्डिंग ,पोस्टर्स आदि प्रचार सामग्रियों को नगर पालिका और नगर निगम द्वारा हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

आचार संहिता लगते ही प्रशासन हरकत में आ गया और बैठक होने लगी और नगर निगम, नगर पालिकाओं को सभी प्रचार सामग्रियों को जगह-जगह से हटाने का आदेश दिया गया। सभी खंबो व सड़क पर लगे बैनर , पोस्टर को हटाने का काम शुरू कर दिया है दूसरी तरफ 24 घंटे पहले करोड़ों रुपए के भूमि पूजन हुए थे उनके जो पत्थर लगाए गए थे। अब उनको सोमवार को ढकना पड़ा। जो काम शुरू नहीं हो सके थे उनके लिए अब लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। वहीं चुनाव कार्य को देखते हुए सभी शासकीय कर्मचारियों के सभी तरह के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। आवश्यक होने पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति से ही अवकाश स्वीकृत हो सकेगा।

बता दें कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए नगर के मुख्य मार्गों और वाहनों पर भी होर्डिंग, पोस्टर लगवाए गए थे, आचार संहिता लागू होने के साथ ही यह सब हटाए गए हैं। सार्वजनिक स्थानों पर तो प्रचार सामग्री को हटाने का काम हो चुका है और कहीं-कहीं हो रहा है वहीं विभाग द्वारा सर्च जारी है कि कहां-कहां सामग्रियों को लगाया गया है जिससे कि इन सबको हटाया जाए और आचार संहिता का उल्लंघन ना हो।

बता दें कि आचार संहिता के लागू होते ही शासकीय संपत्तियों का सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी तरह का प्रचार प्रसार करना और पोस्टर, बैनर लगाना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है जिससे कि इनको हटवा दीया जाता हैं।

बता दें कि चुनाव आयोग के निर्देश मिलते ही नगर पालिका अमला ने संपत्ति विरूपण की कार्रवाई शुरू कर दी है इसके साथ ही संपूर्ण क्षेत्र में धारा 144 भी प्रभावशाली हो गई है। वहीं पुलिस विभागों ने वाहनों की तलाशी लेना भी शुरू कर दिया है। नगर पालिका अमले ने नगर के मुख्य मार्गो सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगे हुए झंडे, पोस्टर हटाने की कार्यवाही की इसके अतिरिक्त अवकाश की संपत्तियों के स्थलों पर किसी भी तरह का प्रचार प्रसार करना और पोस्टर बैनर लगाना आधार संहिता का उल्लंघन करना माना जाएगा।

वही आचार संहिता लगते ही शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त हो जाते हैं कई जगह कलेक्टरों ने सभी प्रकार के शास्त्रों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं, कई जगह आचार संहिता प्रभावशाली होने के बाद सभी शस्त्र थाने में जमा किए जाते हैं विधानसभा चुनाव के दौरान कोई भी व्यक्ति अपने शस्त्र का उपयोग नहीं कर सकता। इस मामले में दिशा निर्देश जारी करते हुए बताया गया है कि शास्त्रों को अनिवार्य रूप से निश्चित समय के बाद जमा कराया जाए। जिन लोगों द्वारा जो लाइसेंस धारी है वह यदि अपने शास्त्रों को जमा नहीं करते हैं तो उनके ऊपर कार्यवाही की जाएगी।

आदर्श आचार संहिता के कुछ नियमों के तहत ऐसा करना होगा:

  • * आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही अब लोगों को जुलूस, जलसों व बारात निकालने के लिए रिटर्निग ऑफिसर से अनुमति लेना आवश्यक रहेगा।
  • *लाइसेंस शास्त्रों को थाने में जमा करना होगा और अपने-अपने लाइसेंस को भी जमा करना होगा जिनके लाइसेंस दूसरे जिलों में दर्द है लेकिन वह यहां रह रहे हैं उन्हें भी नजदीकी थाने में अपने शस्त्र जमा कराना पड़ेंगे।
  • * किसी भी प्रकार से इकट्ठा होने पर शासन को आगाह करना होगा एवं अनुमति लेनी जरूरी होगी धारा 144 लगने के नियम लागू हो जाते हैं।
  • * आचार संहिता के दौरान कलेक्ट्रेट समेत अन्य दफ्तर में होने वाली जनसुनवाईयों की कार्यवाही अब बंद करनी होगी, लेकिन शिकायत पेटी में अपना आवेदन डाल सकते हैं, एवम् सीएम हेल्पलाइन खुली रहेगी। नए राशन कार्ड नहीं बनेंगे।
  • बता दें कि चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित होंगे ऐसे में आचार संहिता के बीच नवरात्रि दशहरा दिवाली जैसे त्योहार आएंगे और देवउठनी ग्यारस 23 नवंबर से शादियां भी शुरू हो जाएगी ऐसे में अब बैंड बाजा बारात आदि के लिए एसडीएम से परमिशन लेना पड़ेगी क्योंकि हर जगह एक धारा 144 लागू है। लेकिन इस बीच सीएम हेल्पलाइन चालू रहेगी।
  • * सभी सरकारी वेबसाइटों पर और ऐपों पर जन प्रतिनिधियों के फोटो हटाने होंगे।
  • उम्मीदवार और नेताओं को एक विस से अधिक जगहों पर रैली या सभा के लिए अब कलेक्टर से परमिशन लेना पड़ेगी।
  • * सभी विभागों को सभी निर्माण कार्यों की लिस्ट कलेक्ट्रेट में पेश करनी होगी ऐसे में निर्माण जो मंजूर हो गए हैं लेकिन शुरू नहीं हुए हैं उनकी लिस्ट भी पेश करनी होगी कलेक्ट्रेट में।
  • * सभी सरकारी कर्मचारियों को अब मुख्यालय पर रहने के आदेश दिए गए हैं। वह अपने मुख्यालय नहीं छोड़ सकते बाहर जाने के लिए भी कलेक्टर से परमिशन लेना पड़ेगी सार्वजनिक अवकाश के लिए दिन में भी कार्यालय खुले रहेंगे।

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