देश के सभी हिस्सों में पिछले दिनों तेज ठंड का दौर शुरू हो चुका है जिससे कि देश के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। जहां उत्तर भारत में सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड लोगों पर सितम ढा रही है और तापमान लगातार नीचे गिरता जा रहा है शीत लहर से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है तो वहीं मध्य भारत के राज्यों में यह तापमान बढ़ रहा है। उत्तर भारत पर सक्रिय हुआ पश्चिमी विक्षोभ का असर मध्य भारत में देखने को मिल रहा है वहीं दक्षिण भारत में उत्पन्न हुआ चक्रवाती परिसंचरण का असर भी अब मध्य भारत में देखने को मिल रहा है।

उत्तर भारत के पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिण भारत के चक्रवर्ती परिसंचरण का असर मध्य भारत के राज्यों में साफ-साफ दिखाई दे रहा है जिससे कि यहां पर अब तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है मौसम विभाग की माने तो 22 दिसंबर से 25 दिसंबर तक यहां के कई राज्यों में माध्यम से तेज और कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना भी जताई गई थी जिसका असर हमें 21 दिसंबर से ही देखने को मिला है 21 दिसंबर से ही कई इलाकों में आसमान में बादल छाए रहे। जिससे कि दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है

जहां कुछ दिनों पहले लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही थी वहीं अब पश्चिम भिक्षु और चक्रवर्ती परिसंचरण के कारण तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है और लोगों को ठंड से कुछ दिनों तक राहत मिलेगी। हवा के रुख के बदलने से शीत लहर का असर अब यहां देखने को कम मिल रहा है और दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है वहीं इन राज्यों में हवा की रफ्तार भी काम हो गई है।

उत्तर भारत में हवा का रुख बदला तो तापमान में हुआ इजाफा:

देश के मध्य भारत के राज्यों में हवा का रुख उत्तर की जगह पूर्ण हो गया है जिससे की दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी देखी गई है पिछले दिन की अपेक्षा शनिवार को दिन के तापमान में 1.5 डिग्री और रात के तापमान में 2.5 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है ऐसे में लोगों को ठंड से आंशिक रूप से राहत भी मिली है लेकिन आने वाले दिनों में भी रात का तापमान 9 डिग्री के आसपास बना रहेगा शनिवार को औसतन अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रहा। शनिवार को अधिक जबकि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान औसतन 7 डिग्री के करीब दर्ज किया गया था।

हवा के रुख बदलने से पहले शीत लहर के कारण लोग तेज ठंड का सामना कर रहे थे लेकिन शुक्रवार रात से उत्तर पूर्व और उत्तरी हवा का रुख बदल गया है और अब हवा का रुख पूर्वी हो गया है यहां नहीं हवा की रफ्तार भी काम हो चुकी है हवा की रफ्तार में कमी आने से भी ठंडक में कमी आई है जिस दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है मौसम वैज्ञानिकों की माने तो हवा की रफ्तार 6 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा है अभी कुछ दिन ऐसा ही मौसम रहेगा और आने वाले दिनों में मौसम में आंशिक बदलाव की संभावना है।

वहीं अगर भारत के उत्तर में स्थित राज्यों की बात करें तो यहां सेट लहर के चलने से लगातार ठंड में बढ़ोतरी हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में दिल्ली समेत अन्य सटे हुए राज्यों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। वही पहाड़ी राज्यों में हो रही बर्फबारी से यहां का तापमान तो लगातार माइंस में चल रहा है जिससे कि लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है और यहीं से आ रही शीत लहर के कारण मैदानी राज्यों में भी ठंडक में बढ़ोतरी देखी जा रही है यह मौसम दिसंबर तक ऐसा ही रहेगा उसके बाद जनवरी के पहले हफ्ते के बाद मौसम में सुधार आने की संभावना जताई गई है।

तेज सर्दी के मौसम में हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन का असर होता है काम:

मनोवैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट के अनुसार यह पता चला है कि सर्दी के मौसम में शरीर में रिलीज होने वाला हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन का स्तर कम होने लगता है जब सर्द मौसम के बारे में सोचते हैं तो दिमाग में सबसे पहले ठंड और उससे बचने के लिए गर्म कपड़े दस्ताने की याद आती है लेकिन मनोविज्ञान और अन्य शोध से पता चलता है कि सर्दी लोगों के सोने महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके में बदलाव लाती है हालांकि ऐसा क्यों होता है यह जानना कठिन है।

सर्दियों के कुछ प्रभाव संस्कृत मां डंडों और प्रथाओं से जुड़े हैं जबकि अन्य संभवत बदलते मौसम संबंधी और पर्यावरण के प्रति हमारे शरीर की शहर जैविक क्रियो को दर्शाते हैं। एक रिसर्च के अनुसार सर्दियों के साथ होने वाले प्राकृतिक और सांस्कृतिक बदलाव अक्सर एक साथ होते हैं जिससे इन मौसमी बदलावों के कर्म को अलग करना चुनौती पूर्ण हो जाता है मनोवैज्ञानिकों की माने तो सर्दी के मौसम में दिन में झपकी या काम करते हुए नींद का अनुभव ज्यादा होता है।

वैज्ञानिकों की माने तो सर्दियों में डिप्रेशन बढ़ाने को सूर्य की रोशनी के काम संपर्क में आने से जोड़ते हैं इससे हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन का स्तर कम होता है वजन भी 500 ग्राम से एक दशमलव 3 किलो तक बढ़ता है महिलाओं की कमर की चौड़ाई बढ़ जाती है।

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