बीते कुछ दिनों से खेल जगत में भारतीय खेल मंत्रालय में उथल-पुथल का माहौल चल रहा है खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया था ऐसे में पहलवान साक्षी मलिक ने कहा है कि उनकी लड़ाई कभी भी सरकार के खिलाफ नहीं थी वह बेटियों के लिए लड़ रही थी। इसके पहले साक्षी मलिक ने भी संन्यास का ऐलान कर दिया था।अब क्या साक्षी मलिक आयेगी कुश्ती में वापसी?
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को किया था निलंबित:
भारतीय कुश्ती संघ के विवाद में अब सरकार ने हस्तक्षेप कर दिया है खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया है संघ के निर्माण नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने जो फैसले लिए थे उन्हें भी रद्द कर दिया है संजय कुमार सिंह को जिस दिन अध्यक्ष चुना गया था उसी दिन उन्होंने घोषणा कर दी थी की कुश्ती के लिए अंडर 15 और अंडर 20 राष्ट्रीय मुकाबला नंदिनी नगर गोंडा यूपी में होंगे। खेल मंत्रालय के निलंबन पर पहलवान साक्षी मलिक ने भी कई प्रतिक्रियाएं दी थी।
साक्षी ने कहा कि यह फैसला पहलवानों के हित में है हम पहले यही कहते रहे हैं कि बेहद बेटियों और बहनों की लड़ाई है यह पहला कदम है अपने संन्यास से वापसी पर उन्होंने कहा कि नए कुश्ती संघ के आने के बाद वह इस बारे में फैसला करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि अब तक लिखित रूप में यह साफ नहीं हुआ है की कुश्ती संघ को निलंबित किया गया है या सिर्फ संजय सिंह को हटाया गया है। उन्होंने कहा कि वह युवा पहलवानों के लिए न्याय चाहती हैं भविष्य में स्थिति साफ होने पर वह अपने संन्यास से वापसी के फैसले पर भी विचार करेंगे।
पद्मा श्री पुरस्कार लौटने वाले बजरंग पूनिया ने सरकार के फैसले को सही ठहराया है और कहा है कि वह अपना सम्मान वापस ग्रहण करेंगे वहीं विष ने भी कहा है कि उनकी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं थी यह फैसला खिलाड़ियों के हित में है। वहीं पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का भी इस मामले में बयान आ चुका है उन्होंने कहा कि वह कुश्ती संघ से अब दूरियां बन चुके हैं।
कुश्ती संघ के निलंबन के बाद बृजभूषण सिंह का आया बयान:
बता दें कि बृजभूषण सिंह पहले भारतीय कुश्ती संघ में अध्यक्ष के रूप में बृजभूषण सिंह ही थे खेल मंत्रालय द्वारा रविवार को भारतीय कुश्ती संघ पर निलंबन को लेकर पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है उन्होंने कहा है कि वह कुश्ती से संन्यास ले चुके हैं और उनका पूरा ध्यान आगामी लोकसभा चुनाव पर है और उन्होंने कुश्ती संघ से अब दूरियां बना ली है पहलवानों ने इस साल जनवरी में बृजभूषण के खिलाफ ही धरना प्रदर्शन किया था उसके बाद उन्हें पद से हटना पड़ा था।
बृजभूषण सिंह के हटने के बाद चुनाव कराए गए थे 21 दिसंबर को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में उनके करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए इतना ही नहीं अधिकांश पदों पर बृजभूषण के साथी ही चुनकर सामने आए। इसके बाद ओलंपियन साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया , वही बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया। सरकार ने बढ़ते विवाद के बाद भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। हालांकि खेल मंत्रालय ने कहा कि नए अध्यक्ष के द्वारा नियमों की अनदेखी के कारण यह फैसला लिया गया है।
पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण ने कहा कि संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं है आनंद-पणन में पुरानी समिति को एक निर्णय लेना पड़ा अंदर 15 और 20 को लेकर क्योंकि 31 दिसंबर को यह सत्र समाप्त हो जाएगा उसके बाद यह टूर्नामेंट होता है तो उनका 1 साल खराब हो जाएगा इसी कारण सभी फेडरेशन ने मिलकर यह निर्णय लिया कि किसी तरह से खेल का एक वातावरण शुरू हो। नंदिनी नगर में इसलिए रखा गया क्योंकि हर फेडरेशन के लोगों ने हाथ खड़ा कर दिया की चार-पांच दिनों के अंदर हम कोई व्यवस्था नहीं कर सकते हैं उसे बैठक में मेरी विदाई का कार्यक्रम भी रखा था उसने में सबको दो-चार शब्द बोलना पड़ता है इस नाते मैं वहां गया था 15 और 20 साल के बच्चों का साल खराब नहीं हो इस कारण नंदनी नगर में टूर्नामेंट रखा गया था।