देश में कोरोना की दहशत फिर एकबार देखने को मिल रही है. कोरोना के नए JN.1 वेरिएंट ने बिहार में भी कोहराम मचाना शुरू कर दिया है. शनिवार (30 दिसंबर) को कई जिलों में को कोरोना के नए मरीज सामने आने से हड़कंप मच गया. पटना और मुजफ्फरपुर से आधा दर्जन मामले सामने आ चुके हैं. अब गया में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है. गया में तीन लोगों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई है.
एक बार फिर “कोरोना” देश में पसार रहा अपने पैर:
दरभंगा में एक मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. संक्रमित मरीजों की उम्र अलग-अलग है. एक दिन में इतने ज्यादा मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब सभी मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री को चेक करने में लगे हैं. गया में जिन तीन लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटव आई है उनका कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं है. तीनों की उम्र भी 20 साल से कम है.
दिल्ली में जेएन.1 कोविड सब-वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है, इसकी पुष्टि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने की. भारद्वाज ने बताया, “जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 3 सैम्पल में से एक जेएन.1 का है और अन्य दो ओमिक्रॉन के हैं.” स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 26 दिसंबर तक देश में कुल 109 JN.1 मामले सामने आ चुके है।
राजधानी में बुधवार को नौ नए मामले सामने आए, जिससे कुल एक्टिव केस 35 हो गए. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में बांटा है. यह BA.2.86 वेरिएंट (एक ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट) का वंशज है. डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि है कि JN.1 का हेल्थ रिस्क कम है.
कोरोना के नए वेरिएंट JN1 के लक्षण:
1.बहती नाक
2.बुखार
3.मांसपेशियों में दर्द
4.सिरदर्द , ब्रेन फॉग
5.थकावट महसूस होना
6.पेट की खराबी, हल्के दस्त और उल्टी जैसी छोटी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं।
7.कुछ मामलों में इंफेक्शन भूख में कमी और लगातार मतली का कारण भी बन सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स भी साफ कर चुके हैं कि घबराने की कोई बात नहीं है और लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और चार से पांच दिनों के भीतर उनमें सुधार हो सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने लोगो को सावधानी बरतने को कहा , एडवाइजरी की जारी:
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया की “नए वेरिएंट अभी तक हल्के हैं, वे ओमीक्रॉन वायरस फैमिली से हैं इसलिए मामलों के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसी कोई घबराने वाली बात नहीं है लेकिन हां, यह एक संकेत है कि यह एक बार फिरसे देश में पैर पसार चुका है।
यह और पनप सकता है क्योंकि यह सामान्य कोविड वायरस से ज्यादा संक्रामक है इसलिए हमें सावधानी बरतनी शुरू करनी होगी। सावधानी और रोकथाम इलाज से बेहतर है। सावधानी बरतें ताकि ये फैल न सकें। “उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में मौसम में बदलाव, वायरल बीमारी और प्रदूषण के बढ़ने के कारण ओपीडी में रेस्पिरेटरी डिजीज के मामलों की संख्या बढ़ी है।