इस बार देश में 15 जनवरी सोमवार के दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। मकर संक्रांति और सर्दी का पुराना नाता माना जाता है संक्रांति पर अक्सर शर्ट दिन होते हैं लेकिन इस बार सर्दी गायब हो गई है यदि आप सोच रहे हैं कि संक्रांति के बाद सर्दी कम हो जाएगी तो यह कहना अभी मुश्किल होगा क्योंकि मध्य भारत में इस बार सर्दी का मौसम ज्यादा देखने को नहीं मिला।

उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी से भी तेज सर्दी का लोग अनुभव कर रहे हैं ऐसा माना जाता है कि संक्रांति पर्व के बाद सर्दी कम होने लगती है लेकिन अभी ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। देश में मौसम का पैटर्न इस बार थोड़ा बदला नजर आया है। जहां हर मौसम में थोड़ा पैटर्न बदला है वही सर्दी के मौसम के लिए भी यह अप्लाई हुआ है।

बता दें कि दिसंबर माह से सर्दी पढ़नी शुरू हुई और अभी तक कड़ाके की सर्दी से राहत नहीं मिली है नए साल की शुरुआत तो कोहरे और कड़ाके की सर्दी से हुई थी साथ ही जब मौसम के बदलने का समय आया तब तापमान में और तेजी से घटाव हो रहा है। उत्तरायण के बाद जहां तापमान में बढ़ोतरी होने लगती है वहीं इस बार तापमान में कमी आ रही है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है अभी और कड़ाके की सर्दी का अनुभव किया जा रहा है।

मकर संक्रांति के बाद भी सर्दी ने तोड़ा रिकॉर्ड:-

यह कहना अभी मुश्किल होगा कि सर्दी कब तक पड़ती रहेगी और कब से इस राहत मिल सकती है पिछले 12 साल की रिकॉर्ड पर नजर डालें तो 9 साल ऐसे रहे जब मकर संक्रांति के बाद भी ज्यादा ठंड पड़ी है। पिछले साल तो 15 जनवरी के दिन न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस ही रह गया था। यानी हम कह सकते हैं कि यह कोई नई और बड़ी बात नहीं की मकर संक्रांति के बाद भी कड़ाके की सर्दी इस बार भी पढ़ रही है और अभी इसे एक हफ्ते तक लोगों को राहत की कोई खबर नहीं है।

बता दें कि इस साल रविवार और सोमवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया है हालांकि रविवार और सोमवार को पूर्व से की हवाओं के प्रभाव से मौसम में गर्माहट देखने को मिली है और ठंड के गायब होने की चर्चा शुरू हो गई है। मौसम विभाग के रिकॉर्ड अनुसार वर्ष 2012 से 2023 तक सिर्फ 3 साल ही ऐसा हुआ है जब मकर संक्रांति के पहले जनवरी के सबसे ठंडा दिन रहे और उसके बाद ठंड कम होने लगी इसके अलावा बाकी सालों में तो मकर संक्रांति के आसपास की सबसे ज्यादा ठंड पड़ी है।

अगर इस साल तापमान की बात करें तो सोमवार को मकर संक्रांति के दिन अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया यह बात हम मध्य भारत की कर रहे हैं बाकी उत्तर भारत में तो कड़ाके की सर्दी से लोगों का बुरा हाल है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तरायण के बाद भी सर्दी के काम होने के आसार कम है क्योंकि हवा का रूप पश्चिमी होने से अभी तापमान में बढ़ोतरी धीरे-धीरे दर्ज होगी फिलहाल अभी लोगों को कड़ाके की सर्दी का ही सामना करना पड़ेगा।

मध्य भारत में दवाओं की रफ्तार में आ रही तेजी:-

मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी हवा का रुख पूर्वी था लेकिन अब हवा का रुख पश्चिमी हो गया है इससे के प्रभाव से अब ठंड का असर बढ़ने लगेगी सोमवार को शाम के समय 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने लगी और रात का तापमान तेजी से नीचे गिरने लगा जहां लोगों को शाम के समय ठंड का एहसास बहुत कम हो रहा था वहां दो तीन घंटे के अंदर ही कंपकपाने वाली ठंड पड़ने लगी।

मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को शाम के समय 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने लगी पश्चिम से हवा यदि ज्यादा तेज चलती है तो फसलों को नुकसान हो सकता है और मौसम विभाग के अनुसार हिमालय में बर्फबारी के असर से आंचल में ठंड का असर भी बढ़ने जा रहा है उत्तरी हवा शुरू होने के बाद आंचल में भी दिन और रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जाएगी।

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