सार :

देश में पिछले कुछ दिनों से मौसम में लगा लगातार बदलाव होते जा रहे हैं। ठंड की तो विदाई हो चुकी है लेकिन नए पश्चिमी विक्षोभों और चक्रवाती परिसंचरण की वजह से बार-बार मौसम मैं बदलाव हो रहा है और बारिश हो रही है, तो कहीं ओलावृष्टि की खबरें भी सामने आ रही है। पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का दौर शुरू है आज भी मौसम विभाग ने हिमपात होने की संभावना जताई है। इस कारण मैदानी राज्यों के हाल यह है कि दिन का तापमान स्थिर है, रात के तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है। यानि रात के समय ठंडक का एहसास जारी है और दिन के समय गर्मी का एहसास होने लगा है।मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान जताया है कि मध्य भारत के राज्यों महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश के पूर्वी हिस्से और छत्तीसगढ के कई भागों में आज भारी बारिश की संभावना है।

उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों के पास चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है और सक्रिय वैस्टर्न डिस्टरबेंस से देश की राजधानी दिल्ली में हल्की बारिश से मध्यम बारिश की गतिविधियों से मौसम सुहावना होने वाला हैजहां उत्तरभारत में पश्चिमी विक्षोभ का असर कमजोर होता नजर आ रहा है और गर्माहट बढ़ने लगी है वही बंगाल की खाड़ी के समीप उत्पन्न चक्रवाती परिसंचरण के कारण मध्य भारत और पूर्वी भारत के राज्यों पर बारिश और ओलावृष्टि का खतरा मंडरा रहा है। आज मौसम विभाग ने मध्य भारत के कई राज्यों समेत पूर्वी राज्यों और दक्षिण भारत के राज्यों के तटीय इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और कहीं-कहीं तेज बारिश की संभावना जताई है।

मौसम विभाग ने इन राज्यों में किया बारिश का अलर्ट जारी :

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आज मध्‍यप्रदेश के पूर्वी जिलों, छत्तीसगढ, विदर्भ और झारखंड समेत छत्तीसगढ के कई हिस्‍सों में अलग-अलग स्‍थानों पर ओलावृष्टि, बादल गरजने, बिजली चमकने के साथ तेज हवाऐं चलने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह सब पूर्वी हवाओं के कारण देखा जा रहा है पूर्वी हवाएं ,उत्तर से आने वाली हवाओं और दक्षिण से आने वाली हवाओं को रोक रही है। जिससे ना ही प्रदेश में तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है और ना ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। टेंपरेचर में 4 दिनों से लगातार स्थिरता बनी हुई थी लेकिन आज से मौसम में बदलाव नजर आने वाला है।मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पूर्वी हवा उत्तरी हवा को आने से रोक रही है। इससे यह हो रहा है कि पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद भी उत्तर से ठंडी हवा मध्य भारत के राज्यों तक नहीं आ पा रही है। इसका कारण रात के तापमान में ज्यादा गिरावट दर्ज नहीं की जा रही। पूर्वी हवाएं , दक्षिण हवाओं के साथ मिलकर मध्य भारत के पूर्वी हिस्सों में बारिश कर रही है और कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी देखने को मिल रही है।

भारतीय मौसम पूर्वानुमान विभाग के अनुसार , 20 मार्च यानी आज से 21 मार्च के बीच गंगीय पश्चिम बंगाल में गरज, बिजली और तेज़ हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती है। वहीं 18 से 21 मार्च के बीच छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्सों जैसे जबलपुर, रीवा, सतना , मंडला आदि जिलों में गरज, बिजली और तेज हवाएं 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली है, साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

पहाड़ों पर कैसा रहेगा मौसम ?

उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों के पास चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है और सक्रिय वैस्टर्न डिस्टरबेंस से देश की राजधानी दिल्ली में हल्की बारिश से मध्यम बारिश की गतिविधियों से मौसम सुहावना होने वाला है।जम्‍मू-कश्‍मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में आज बारिश और बर्फबारी होने के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि राजधानी दिल्ली के कई जगहों पर हल्की बारिश की संभावना है, जो बीती रात से देखा जाने लगा है। मगंलवार को आसमान में बादल छाए रहने के साथ साथ कुछ जगहों पर बारिश की गतिविधियां देखी गई है। उत्तर भारत के राज्यों और मैदानी इलाकों में गर्मी की शुरुआत हो गई थी, हालांकि, पहाड़ी राज्यों में बारिश और बर्फबारी शुरु हो चुकी है।

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के सक्रिय हो जाने के कारण और पहाड़ों पर बर्फबारी से यहां मौसम में इस तरह का अचानक बदलाव हो रहा है। मौसम विभाग ने बारिश की गतिविधियां को देखते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में और सटे हुए राज्यों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है,पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश और गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई थी जिससे आज भी मौसम के मिजाज कुछ ऐसे ही नजर आने वाले हैं। जबकि पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रह सकता है।

मध्य प्रदेश में सक्रिय होंगे दो नए सिस्टम :

पूर्वी हवाएं , दक्षिण हवाओं के साथ मिलकर मध्य भारत के पूर्वी हिस्सों में बारिश कर रही है और कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी देखने को मिल रही है, इसका असर आज हर जगह देखा जा सकता है। इसके कारण दक्षिण से गर्म हवाएं नहीं आ पा रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार भारत में दो अलग-अलग वेदर सिस्टम एक्टिव हैं, जिसकी वजह से मौसम में लगातार बदलाव बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पूर्वी हवा उत्तरी हवा को आने से रोक रही है। इससे यह हो रहा है कि पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद भी उत्तर से ठंडी हवा मध्य भारत के राज्यों तक नहीं आ पा रही है। इसका कारण रात के तापमान में ज्यादा गिरावट दर्ज नहीं की जा रही। उत्तर से ठंडी हवाओं के कारण ठंडक नहीं आ रही और दक्षिण हवाओं के कारण गर्माहट नहीं आ रही। जिसके कारण मौसम स्थिर बना हुआ है और तापमान में ज्यादा उतार- चढ़ाव नहीं देखे जा रहे हैं, लेकिन एक बार फिर बारिश शुरू हो गई है।

वहीं, पहाड़ी राज्यों के मौसम की बात करें तो उत्तराखंड सुबह और शाम के सर्दी के अनुभव के साथ ही दिन के तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है जो मैदानी राज्यों में भी नजर आ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों के भीतर उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। इसके साथ ही अगले चार दिनों तक मौसम सामान्य और शुष्क बना रहेगा। मौसम में आ रहे लगातार बदलाव को लोग समझ नहीं पा रहे हैं। मार्च में पड़ रही गर्मी को देखकर लोगों का अनुमान है कि इस बार मई-जून में कम गर्मी पड़ने वाली है लेकिन वैदर रिर्पोट के अनुसार ऐसा नहीं है आने वाले दिनों में मौसम अपने तेवर दिखाने वाला है।

होली के बाद भीषण गर्मी की दस्तक के आसार :

मौसम विभाग नेबताया है कि पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी राज्यों में बहुत काम दिखेगा इसीलिए कम होने की संभावना बहुत कम है। उत्तर भारत के कई राज्यों का तापमान 35 से 35 डिग्री तक डर दर्ज किया जा चुका है। भीषण गर्मी की दस्तक देर से होने की संभावना है। मौसम केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार मार्च के पहले हफ्ते में दूसरे हफ्ते के अंत में और चौथे हफ्ते की शुरुआत में मौसम बदल सकता है। जिस तरह फरवरी में मौसम एक जैसा नहीं रहा यह ट्रेंड मार्च में भी बना रह सकता है।सुबह और शाम के समय तापमान में कमी दर्ज की जाती है और दिन के समय तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है तेज धूप देखने को मिल रही है। मौसम विभाग नेबताया है कि पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी राज्यों में बहुत काम दिखेगा इसीलिए कम होने की संभावना बहुत कम है। उत्तर भारत के कई राज्यों का तापमान 35 से 35 डिग्री तक डर दर्ज किया जा चुका है।

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