सार :

देश में देशवासियों ने होली का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया। होली का त्यौहार बीत चुका है और गर्मी की शुरुआत भी हो चुकी है। जैसा की भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही आगाह कर दिया था कि होली के त्यौहार के बाद गर्मी अच्छी तरह से शुरू हो जाएगी। वैसा साफ नजर आ रहा है। एक दिन में ही तापमान 35 डिग्री से ऊपर जा चुका है और तेज धूप की वजह से लोगों का अभी से ही घरों से बाहर निकलना दूबर हो गया है। नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से कहीं-कहीं आसमान में बादल छाए रहने की खबरें भी सामने आई है, इसके बावजूद भी तापमान में कमी नजर नहीं आ रही। आईए जाने कैसा रहेगा मौसम का मिजाज और कब से होगी भीषण गर्मी की शुरुआत।

विस्तार :

इस बार होली के त्योहार पर मौसम ने भी आंख मिचौली का खेल खेला। कहीं लोगों ने बारिश के बीच होली मनाई, तो कहीं आसमान में बादल छाए रहे, तो कहीं तेज धूप के बीच होली का त्यौहार मनाया। होली के बाद भी आसमान में बादल छाए हुए हैं। उत्तर भारत के कुछ राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश की खबरें भी सामने आई हैं। तो कहीं आसमान में बादल छाए रहने के बाद भी तापमान में कमी नहीं आई है। जहां पश्चिमी विक्षोभ का असर नहीं दिखाई दे रहा है। वहां गर्मी का प्रकोप शुरू हो चुका है और तापमान में उछाल देखा जा रहा है।बता दें कि महीने के आखिरी दिनों में राजधानी में भी बारिश के आसार हैं। 29 से 30 मार्च के बीच बारिश या आंधी की संभावना है। वहीं बीच के दिनों में बादलों की आंख मिचौली बनी रहेगी। अगर देश के पहाड़ी राज्यों पर मौसम के हालात की बात करें तो 26 मार्च यानी आज पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में यानी कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में छिटपुट हल्की बारिश संभव है और अगले 2 से 3 दिनों के दौरान इसमें वृद्धि होगी। 27 से 29 मार्च के बीच पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।

इस बार कैसी होगी सीज़न की गर्मी ( अल नीनो का प्रभाव होगा खत्म, फिर होगी अच्छी वर्षा) :

मौसम विभाग ने इस बार की गर्मी सीजन का पूर्वानुमान लगाते हुए बताया है कि अगले तीन महीने भीषण गर्मी का अनुमान है। इस दौरान हाई हीट वेव के दौर लंबा चलेगा। होली के बाद मार्च महीने के आखिरी दिनों में मौसम विभाग द्वारा तापमान में इजाफा होने की संभावना जताई गई थी, जो देखा जाने लगा है। अप्रैल और मई के दौरान प्री-मानसून के दौर भी छोटे और कम ही रहेंगे। इस बार भीषण और प्रचंड गर्मी का अनुमान लगाया जा रहा है। वही मौसम विभाग द्वारा अनुमान लगाया गया है कि कम बारिश के लिए जिम्मेदार अल-नीनो का प्रभाव भी जून के महीने में ही खत्म हो जाएगा। भीषण गर्मी पड़ने के कारण अप्रैल से जून में ज्यादा दिनों तक लू चलने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार अच्छी खबर यह है कि मानसून के आखिरी दो महीने में अच्छी बारिश होने की संभावना है। इसके पीछे यह वजह बताई जा रही है कि अल नीनो के कारण गर्मी में ज्यादा इलाकों में अधिक दिनों तक हीट वेव चलने और कम बारिश की आशंका है।

वह मानसून की आमद के साथ ही जून में खत्म हो जाएगा। उसके बाद अच्छी बारिश होने की संभावना जताई गई है। अल नीनो के जाने और ला नीनो के आने से बारिश सामान्य से अधिक होगी। मानसून में 96 से 104% तक बारिश को सामान्य कहा जाता है। अनुमान है कि इस बार 100 से ज्यादा बारिश हो सकती है। ला नीनो स्थिति का मतलब है कि प्रशांत महासागर में समुद्री सतह का तापमान सामान्य से नीचे चला जाए और वहां से ट्रेड हवाएं हिंद महासागर आने लगे। इससे मानसून को मजबूती मिलती है, क्योंकि उस दौरान अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों ओर से हवाएं भारी मात्रा में नमी लेकर आती है और बारिश कराती हैं। जब सुपर एल नीनो बनता है तब ओआईडी स्थिति नेगेटिव होती है यानी पश्चिमी हिंद महासागर का तापमान कम पूर्वी हिंद महासागर का तापमान अधिक होता है। जून आने तक ओआईडी पॉजिटिव हो जाएगा। इससे बड़ी मात्रा में बादल बनेंगे और पश्चिम हिस्से में भारी बारिश होने की संभावना भी बनेगी। मौसम विभाग द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है की केरल से मुंबई तक पश्चिमी घाट पर इस मानसून के आखिरी दो महीनो में इतनी अधिक बारिश हो सकती है की भारी बाढ़ की घटनाएं भी सामने आएंगी।

कैसा रहेगा मध्य भारत के राज्यों के मौसम का हाल :

मध्य भारत के राज्यों जैसे मध्य प्रदेश ,गुजरात ,महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में जहां पश्चिमी विक्षोभ और मौसम के दूसरे सिस्टम का असर नहीं है वहां गर्मी की शुरुआत हो चुकी है दिन का तापमान तेज धूप निकलने से बढ़ रहा है और रात के तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर भारत के कई राज्यों का तापमान 35 से 35 डिग्री तक दर्ज किया जा चुका है। मौसम विभाग के अनुसार यह तापमान इसी महीने कहीं कहीं 40 डिग्री तक पहुंच सकता है। इस बार भी भीषण गर्मी पढ़ने की संभावना है। मौसम में लगातार बदलाव बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पूर्वी हवा उत्तरी हवा को आने से रोक रही है। इससे यह हो रहा है कि पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद भी उत्तर से ठंडी हवा मध्य भारत के राज्यों तक नहीं आ पा रही है। इसका कारण रात के तापमान में ज्यादा गिरावट दर्ज नहीं की जा रही।

भारतीय मौसम विभाग ने मौसम पूर्वानुमान जताते हुए बताया है कि आज पूर्वी और पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के कई हिस्‍सों के साथ साथ मध्य भारत में आंधी-तूफान आने के आसार हैं और यह आसमान में बादल छाए रहेंगे। वहीं पश्चिम बंगाल में भी तेज हवाओं से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। लगातार बदलती मौसमी दशाओं के चलते पिछले कुछ दिनों से गंगा के तटीय मैदानों में मौसम के तेवर अलग ही देखने को मिले हैं।भारतीय मौसम विभाग की जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तेज आंधी, तेज हवा के चलने की संभावना है। वहीं देश के पूर्वी राज्यों छत्तीसगढ़ और झारखंड में मौसम खराब रहने की संभावना है। हाल ही में सक्रिय हुआ ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।

कैसा रहेगा राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के राज्यों का मौसम :

बता दें कि महीने के आखिरी दिनों में राजधानी में भी बारिश के आसार हैं। 29 से 30 मार्च के बीच बारिश या आंधी की संभावना है। वहीं बीच के दिनों में बादलों की आंख मिचौली बनी रहेगी। मौसम सामान्य बना रहेगा और हल्के-हल्के तापमान में बढ़त देखी जाएगी। आज की बात करें तो न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। जो महीने के आखिर तक 21 और 37 डिग्री पहुंच सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने अगले 2 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बारिश होने की संभावना जताई है। अगर देश के पहाड़ी राज्यों पर मौसम के हालात की बात करें तो 26 मार्च यानी आज पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में यानी कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में छिटपुट हल्की बारिश संभव है और अगले 2 से 3 दिनों के दौरान इसमें वृद्धि होगी। 27 से 29 मार्च के बीच पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।

उत्तर भारत के कई राज्यों का तापमान 35 से 35 डिग्री तक दर्ज किया जा चुका है। मौसम विभाग के अनुसार यह तापमान इसी महीने कहीं कहीं 40 डिग्री तक पहुंच सकता है। इस बार भी भीषण गर्मी पढ़ने की संभावना है। मौसम में लगातार बदलाव बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पूर्वी हवा उत्तरी हवा को आने से रोक रही है। इससे यह हो रहा है कि पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद भी उत्तर से ठंडी हवा मध्य भारत के राज्यों तक नहीं आ पा रही है। इसका कारण रात के तापमान में ज्यादा गिरावट दर्ज नहीं की जा रही।

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