सार :
इस बार देश में मानसून ने जल्दी एंट्री ले ली थी, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि इस बार यह देश को जल्दी कवर कर लेगा और देश में जल्दी मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी लेकिन महाराष्ट्र तक पहुंचते पहुंचते इसकी रफ्तार धीमी हो गई है और मध्य प्रदेश में इसके समय से लेट होने के आसार नजर आ रहे हैं। वैसे तो अभी कुछ राज्यों में प्री मानसून की बारिश देखी जा रही है लेकिन कहीं-कहीं भीषण गर्मी से लोगों का बुरा हाल है तो लोग मानसून का इंतजार कर रहे हैं। अभी भी कुछ दिनों तक लोगों को मानसून का इंतजार करना होगा। तो आईए जानते हैं मौसम की पूरी खबर विस्तार में।
विस्तार :
दक्षिण पश्चिम मानसून ने भारत के लगभग आधे हिस्से को कवर कर लिया है। यह महाराष्ट्र तक पहुंच चुका है लेकिन इसकी रफ्तार बहुत कम हो गई है, जिससे मध्य प्रदेश तक पहुंचते पहुंचते ही यह है कछुए की चाल से आगे बढ़ रहा है। लेकिन कुछ ही घंटे में यह मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में पहुंच जाएगा और यहां मानसूनी वर्षा शुरू होने के आसार नजर आ रहे हैं तो वहीं मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में प्री मानसून वर्षा शुरू हो चुकी है। जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिल चुकी है फिर भी गर्मी से पूरी तरह राहत के लिए बारिश का लगातार होना आवश्यक है। यह तो रही उन राज्यों की बात जहां मानसून का असर दिखने लगा है और मानसून ने प्रवेश कर लिया है लेकिन जिन राज्यों में मानसून ने अभी तक दस्तक नहीं दी है वहां के हालात बेहद नाजुक नजर आ रहे हैं। भीषण गर्मी से लोगों का बुरा हाल हो गया है तापमान 47 डिग्री के पार पहुंच चुका है। लोगों ने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है राज्य सरकारों ने लोगों को भीषण गर्मी के चलते रहा सावधानी बरतने की हिदायत दी है और गाइडलाइंस जारी की हैं।
भीषण गर्मी का सबसे ज्यादा असर उत्तरभारत के राज्य में देखा जा रहा है इन राज्यों में लू चलने का अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को सावधानी बरतने को कहा है। दिन के समय बहुत जरूरी काम होने पर सावधानी के साथ घर से निकलने की हिदायत दी गई है। पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 14 जून से 17 जून तक भीषण गर्मी रहेगी। वहीं उत्तर भारत गर्म हवाओं से जूझ रहा है। वहीं 15 से 17 जून तक उत्तर प्रदेश, हरियाणा, नई दिल्ली में तो पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और झारखंड में लू चलने की संभावना जताई गई है। इतना ही नहीं उत्तर भारत के अन्य राज्यों का भी यही हाल है
“मॉनसून आगमन” मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में होगी बारिश :
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं मानसून पूर्व की वर्षा होने का सिलसिला बने रहने के आसार हैं। जिससे यहां गर्मी से राहत मिलती रहेगी।मॉनसून ने फिलहाल अपनी रफ़्तार कम कर ली है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सक्रियता कम होने से यह आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इसके चलते मध्य प्रदेश में मानसून की झमाझम वर्षा के लिए अब एक सप्ताह तक का इंतजार और करना पड़ सकता है। हालांकि अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से मालवा-निमाड़ क्षेत्र में करीब-करीब रोज ही राहत भरी बौछारें पड़ रही हैं। और कई जगह प्री मानसून बारिश हो रही है, जिससे कुछ राहत मिल रही है। इसी के चलते रविवार को सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक पचमढ़ी में लगभग 33, छिंदवाड़ा में 15, रतलाम में सात और सागर में एक मिलीमीटर वर्षा दर्ज़ की गई।
वहीं अगर हम बुंदेलखंड एवं बघेलखंड क्षेत्र की बात करें तो यहां भीषण गर्मी पड़ रही है। यहां का अधिकतर शहर लू की चपेट में हैं। प्रदेश में सबसे अधिक 46.5 डिग्री सेल्सियस तापमान चित्रकूट में दर्ज किया गया। चूंकि उत्तर भारत के राज्यों में भीषण गर्मी पढ़ रही है जिससे उत्तर प्रदेश से सटे शहरों चित्रकूट सहित प्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के 13 स्थानों पर लू जैसी स्थितियां बनी हुई हैं। गौरतलब है कि अल नीनो भारतीय मानसून पर नकारात्मक प्रभाव डालता है जबकि ला नीना भारत में मानसून के लिए अनुकूल होता है। इसीलिए भारत में अच्छी बारिश होने की संभावना है।
उत्तर भारत में भी जल्द मिलेगी राहत :
उत्तर भारत के राज्यों में लोगों को भीषण गर्मी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस भीषण गर्मी से राहत केवल मानसून ही दिला सकता है लेकिन उत्तर भारत में इस हफ्ते मौसम में ज्यादा बदलाव के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। कुछ दिनों में मानसून मध्य प्रदेश में के लगभग सभी जिलों को कवर कर लेगा। उसके बाद उत्तर प्रदेश में इसकी एंट्री होगी और यहां तब भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। उससे पहले उत्तर भारत केराज्यों में प्री मानसून वर्षा शुरू हो सकती है जिससे यहां पर गर्मी से राहत मिलने लगेगी। उत्तर भारत ही नहीं राजस्थान भी भीषण गर्मी से जूझ रहा है लेकिन गर्मी के यह अंतिम दिन है। इसके बाद मानसून के आगमन से सभी राज्यों में बारिश शुरू हो जाएगी और इस बार मौसम विभाग ने अच्छी बारिश होने के संकेत दिए हैं जो राज्यों और देशके लिए एक शुभ संकेत भी है। गौरतलब है कि अल नीनो भारतीय मानसून पर नकारात्मक प्रभाव डालता है जबकि ला नीना भारत में मानसून के लिए अनुकूल होता है। इसीलिए भारत में अच्छी बारिश होने की संभावना है।
प्रशांत महासागर में बनने वाला अलनीनो 11 महीने के बाद खत्म हो गया है। अब जुलाई से सितंबर के दौरान ला नीनो विकसित होगा। यह मानसून के लिए अनुकूल होगा और जमकर बादल बरसेंगे। अनुमान है कि भारत में अच्छे मानसून के कारण पिछले साल कम हुई बारिश की भरपाई हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 4-5 दिन में पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से बहुत भारी वर्षा तथा कुछ स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है। अनुमान है कि भारत में अच्छे मानसून के कारण पिछले साल कम हुई बारिश की भरपाई हो सकती है। उत्तर पश्चिमी शुष्क हवाओं का असर गंगा के मैदानी भागों में होता रहेगा, जब बंगाल की खाड़ी से मॉनसून वाली हवाएं आना शुरू होंगी तब मौसम में थोड़ा बदलाव हो सकता है।
इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट :
मानसून ने भारत के आदेशों को कर कर लिया है तो यहां भीषण गर्मी से राहत मिल चुकी है और भारी बारिश की गतिविधियां शुरूहो चुकी है। जहां मौसम विभाग कुछ राज्यों में लचने और भीषण गर्मी की चेतावनी दे रहा है तो वहीं कुछ राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी जा रही है। बता दें कि अगले कुछ घंटों के दौरान देश के पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश, पश्चिमी असम और मेघालय के आस-पास के क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और कभी-कभी तीव्र वर्षा होने की संभावना है। वहीं,17 जून को अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय,कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। तो वहीं पूर्वी राज्यों में मौसम विभाग के मुताबिक अगले 4-5 दिन में पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से बहुत भारी वर्षा तथा कुछ स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है।