पूरी दुनिया में कोरोना फिर से पैर पसारने लगा है. चीन में तो हालात बेहद खराब हैं. वहां कोरोना मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अनुमान है कि हर रोज वहां लाखों  मामले आ रहे हैं और 1500-2000 लोग दम तोड़ रहे हैं. चीन के करीब स्थित ताइवान, जापान और हॉन्गकॉन्ग में भी स्थिति खराब है. आइए आपको बताते हैं कि उन देशों के बारे में बताते हैं, जहां कोरोना ने आतंक मचाया हुआ है

चीन: यहां हर रोज एक से डेढ़ लाख संक्रमित मिल रहे हैं. यह दुनिया में किसी भी देश से ज्यादा है. मरने वालों की संख्या भी काफी ज्यादा है. एक अनुमान है कि वहां अगले तीन महीने में संक्रमण से मरने वालों की तादाद 10 लाख हो सकती है.

जापान: यहां कोरोना मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. वहां 80 से 1 लाख मरीज रोज मिल रहे हैं. करीब १.99 लाख लोग मंगलवार को संक्रमित पाए गए और 235 ने दम तोड़ दिया. वहां अब तक लगभग 53 हजार 500 लोग जान गंवा चुके हैं. 

साउथ कोरिया: मंगलवार को साउथ कोरिया में 87 हजार 800 लोग संक्रमित पाए गए और 56 मरीजों ने दम तोड़ दिया. यहां कोरोना से 31 हजार 490 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. 

जर्मनी: मंगलवार को कोरोना के 52 हजार 528 नए मामले सामने आए जबकि 201 लोगों की मौत हो गई. अब तक इस देश में 3.70 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं जबकि मरने वालों का कुल आंकड़ा 1.60 लाख है.

अमेरिका: महाशक्ति अमेरिका में हर रोज 20-30 हजार कोरोना केस आ रहे हैं. मंगलवार को 25 हजार 714 नए मरीज मिले. अब तक इस देश में 10 करोड़ 18 लाख लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. मरने वालों की तादाद 11 लाख 13 हजार है. 

फ्रांस: इस खूबसूरत देश में मंगलवार को 71 हजार 212 नए केस सामने आए जबकि 131 की मौत हो गई. कोरोना की चपेट में अब तक इस देश में 3.89 करोड़ लोग आ चुके हैं. 3.76 करोड़ ठीक होकर घर जा चुके हैं और मरने वालों की कुल तादाद 1.60 लाख है. 

चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि देश में आने वाले कुछ महीनों में कोविड 19 से 80 करोड़ लोग संक्रमित हो सकते है

एनपीआर की रिपोर्ट कहती है कि चीन में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5 लाख हो सकती है, लेकिन चीन का मौजूदा आधिकारिक आँकड़ा इस संख्या से बेहद कम है.

चीन के अधिकारियों के मुताबिक़ मंगलवार को संक्रमण से केवल पाँच और सोमवार को दो मौतें हुईं. दरअसल, चीन जिस तरह से कोरोना की मौत को माप रहा है वह तरीक़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के विपरीत है. चीन उन्हीं मौतों को कोविड से हुई मौत मान रहा है, जिनकी मौत सांस की बीमारी से हो रही है.

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