Op Parinda: सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन वाली साजिश बढ़ती ही जा रही है. पाक से भारतीय इलाके में हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई करने के लिए बड़ी संख्या में ड्रोन ऑपरेशन किये जा रहे हैं. पाकिस्तान की आईएसआई ऑपरेशन परिंदा के नाम से चला रही इस ऑपरेशन सें पंजाब को अशांत करने के लिए ड्रोन के जरिये हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई कर रही है.

पाकिस्तान की गुस्ताख़ हरकत

सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से केन्द्र सरकार को भेजी गई एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि इस साल 23 दिसंबर तक जम्मू से लेकर गुजरात सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ( BSF) ने कुल 311 बार पाकिस्तानी ड्रोन को भारतीय सीमा में घुसने के लिए अग्रसर रहे . जिसमें से सबसे ज्यादा 258 घटनाएं पाकिस्तान से सटे पंजाब सीमा में हुई है.

रिपोर्ट ने सबको चौकाया

सुरक्षा एजेंसियों की माने तो अकेले पंजाब के अमृतसर में कुल 113, फिरोजपुर में 65, गुरदासपुर में 56 और अबोहर में कुल 24 बार दुश्मन के ड्रोन देखे जाने की घटना सामने आई है. पंजाब में पिछले छह महीने में बीएसएफ ने कुल 6 ड्रोन को मार कर उनसे भारी मात्रा में ड्रग्स की रिकवरी कर चुकी है. पंजाब के साथ-साथ पाकिस्तान से जम्मू में कुल 25 और राजस्थान में कुल 23 बार ड्रोन देखे जाने की जानकारी मिली है.

आतंकी लगातार रच रहे साजिश

जम्मू कश्मीर में मौजूद ज़्यादातर आतंकियो के पास हथियारों की भारी कमी है. ऐसे में आतंकियों को हथियारों की सप्लाई करने के साथ-साथ घाटी में लाइन ऑफ कंट्रोल के रास्ते बड़ी संख्या में आतंकियों को घुसपैठ कराने की साजिश लगातार रची जा रही हैं. लेकिन भारतीय सेना की काउंटर इनसरजेंसी (Counter Insurgency)  और काउंटर टेरर (Counter Terror ) ग्रिड के चलते आतंकी भारत मे दाखिल होने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं. आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान ड्रोन का सहारा ले रहा है. इनमें लगे हाई रेजोल्यूशन कैमरे के जरिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर नजर रखी जा रही है. इन कैमरों के जरिये पाकिस्तानी सेना ये पता लगाती है कि LoC पर किन-किन जगहों में गैप है

दुश्मन के ड्रोन एक्टिविटी

पाकिस्तान की ड्रोन की साजिश को नाकाम करने के लिए टेक्नोलॉजी का भी सहारा ले रही है. पिछले दिनों बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में ये जानकारी दी थी कि सीमा पार से जिन ड्रोन को एंटी ड्रोन ऑपरेशन के दौरान नाकाम किया गया है, उनके चिप की स्टडी की जा रही है. जिससे ये जानकारी हासिल हो सके कि बरामद पाकिस्तानी ड्रोन में किस तरीके की प्रोग्रामिंग की गई है. जिससे मिली जानकारी के आधार पर आगे आने वाले दिनों में दुश्मन के ड्रोन एक्टिविटी पर लगाम लगाई जा सके.

सर्दियों के नवंबर से जनबरी के दौरान भारत पाकिस्तान के ज्यादातर इलाकों में धुंध होने की वजह से पाकिस्तान से ड्रोन की गतिविधियां बढ़ गई है. धुंध होने की वजह से ऐसे ड्रोन को देखना काफी मुश्किल होता है लेकिन सीमा कु कुछ इलाकों में  एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती के चलते अब बीएसएफ पहले के मुकाबले बेहतर ढंग से दुश्मन के ड्रोन पर काबू पा रही है

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