14 जुलाई 2023 दोपहर 2:35 पर chandrayaan-3 चंद्रमा पर जाने के लिए भारत से रवाना किया जाएगा। इस बार चंद्रयान मिशन के सफलता के पूरी संभावना है। 2019 में chandrayaan-2 की आंशिक सफलता के बाद 4 साल में इसरो ने लगातार ऐसे परीक्षण किए जिनसे हर संभावित खामी से निपटा जा सके। अब फेल होने का कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। पहले हम सॉफ्ट लैंडिंग में असफल रहे थे।इसकी वजह से खोजने के लिए हमारे पास सड़क हादसे की तरफ मौके पर पहुंच कर हालात को जानने या फुटेज देखने का जरिया नहीं था। इसलिए chandrayaan-2 मिशन के डेटा का विश्लेषण किया और उसके सिमुलेशन देखा कि क्या गलत हुआ और कहां समस्या रही अब इस मिशन में उन समस्याओं का निराकरण किया गया है।
चंद्रयान 2 मिशन से इस मिशन में पांच अहम बदलाव किए गए हैं और chandrayaan-2 की त्रुटियों को भी ढूंढ कर उनका निराकरण करके ज्यादा मजबूत पहियों के साथ 40 गुना बड़ी जगह लैंड कराया जाएगा चंद्रयान संकट में साइट बदल सकेगा इस बार लैंड के हर तरफ सोलर पैनल लगाए गए हैं।
chandrayaan-3 का मुख्य काम: चंद्रयान 3 चंद्रमा पर जाकर तापमान मिट्टी व वातावरण में मौजूद तत्व व गैस ढूंढेगा। इसके लिए सॉफ्ट लैंडिंग जरूरी है ताकि रोवर से लैंडर, लैंडर से ऑर्बिटल और ऑर्बिटल से इसरो तक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल आसानी से मिलते रहे। इसके लिए इसमें लैंडर में पांच यंत्र और रोबर में दो यंत्र लगाए गए हैं।