चंद्रयान-3 मिशन अपने अंतिम चरणों में पहुंच चुका है यह 23 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। भारत ऐसा पहला देश होगा जो चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंच गया होगा। चंद्रयान-3 की चाल थोड़ी कम की गई है फाइनल डीबूस्टिंग के जरिए शनिवार और रविवार को चंद्रयान-3 की गति धीमी की गई है। अब chandrayaan-3 की चंद्रमा से सबसे कम दूरी 25 किलोमीटर और सबसे ज्यादा दूरी 134 किलोमीटर है।
14 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किया था और जिस उद्देश्य से प्रक्षेपित किया था अब वह सिर्फ दो दिन दूर रह गया है। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा के साउथ पोल यानी डार्क हिस्से पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। वहां यह कुछ दिनों तक परीक्षण करेगा और इसकी जानकारी इसरो तक पहुंच जाएगा।
बता दे कि रसिया ने भी अपना स्पेसक्राफ्ट 11 अगस्त को लॉन्च किया था, जो 21 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला था। जिससे कि भारत का इतिहास रचने का सपना पीछे छूट रहा था लेकिन हाल ही में खबरें आई हैं के रसिया का “लूना 25” चांद पर गलत तरीके से उतरकर क्रेश हो चुका है और अब एक बार फिर भारत के पास मौका है कि वह इतिहास रच सके।
अभी तक चंद्रयान-3 मिशन जिस तरह इसरो ने डिजाइन किया था और जिस तरह सोचा था उसी के नक्शे कदमों पर चल रहा है। समय-समय पर इसे बूस्टर दिए जा रहे हैं और इंजन शुरू करके इसकी चाल धीमी और तेज़ की जा रही है। हाल ही में इसरो ने अभी इसकी चाल धीमी की थी। अब इंतजार 23 अगस्त का है जब भारत विश्व में इतिहास रचेगा और अपना नाम रोशन करेगा।