सार :

बारिश और मानसून का मौसम सभी को बहुत पसंद होता है, जब भीषण गर्मी के बाद मानसून का सीजन आता है और बारिश का दौर शुरू होता है तो चारो तरह हरियाली होती है जिससे मन को तो राहत मिलती ही है साथ ही गर्मी से भी निजात मिलती है| इस मौसम के आते ही सब हरा भरा तो होता है लेकिन मौसम बदलने और वातावरण में नमी बढ़ने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है| बता दे की बारिश का मौसम आने बाला हो या कोई भी मौसम जब बदलता है तब लोगो के बीमार होने का प्रतिशत बढ़जाता है लेकिन यह बारिश के मौसम में कुछ ज्यादा देखा जाता है, तो आइए जानते है बारिश के मौसम में इन्फेक्शन क्यों बढ़ता है |

विस्तार :

मानसून का सीजन सभी का पसंदीदा सीजन होता है| इस बार भी मानसून का सीजन आ चुका है और बारिश का दौर पूरे देश में शुरू हो चुका है| लेकिन बारिश का यह सुहावना मौसम अकेला नहीं आता अपने साथ कई तरह के इन्फेक्शन और बीमारियां भी लाता है| बारिश का मौसम आने पर मौसम में बहुत सारे बदलाव आते है जो सभी को जानना जरूरी है और जानना भी चाहिए बड़े से लेकर बच्चो को भी मौसम की बारीकियां पता होना चाहिए जिससे वह इस बदलते मौसम में खुदका और अपनी का ध्यान रख सकें| बता दे की जब मौसा बदलता है और गर्मी के बाद बारिश शुरू होती है तब मौसम में अचानक नमी बढ़ जाती है, वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि हो जाती है| जिससे कई तरह के माइक्रोबैक्टरी, बैक्टीरिया आदि हर जगह पनपने लगते हैं|

इस मीसा में जब अचानक बारिश शुरू होती है तो कई तरह के कीड़े मोकोदे भी पैदा हो जाते हैं जो काफी हानिकारक होते है| जिनसे इन्फेक्शन (संक्रमण) का खतरा काफी बढ़ जाता है| इस विषय में हमे पूरी जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है, की इस मौसम में किस तरह के संक्रमण फैलते है, कैसे फैलते है, इन संक्रमण के लक्षण क्या है, और इन संक्रमण से बचाव कैसे किया जा सकता है| इस लेख में आपको इस विषय पर पूरी जानकारी विस्तार में दी जाएगी तो इस विषय पर सही जानकारी के लिए लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें सकते है|

बारिश और मानसून सीजन के संक्रमण :

हर बार की तरह इस बार भी मानसून अपने सही समय पर देश में ए गया है और अब इसने लगभग पूरे देश को कवर कर लिया है और देश के हर राज्य में बारिश का दौर शुरू हो चुका है| देश में बारिश का दौर शुरू होते ही हम सभी को भीषण गर्मी वाले सीजन से राहत भी मिल गई है| अब बारिश का मौसम शुरू टू हो गया है लेकिन यह अपने साथ कई बीमारियो लेकर आता है, क्योंकि वातावरण में नमी के बढ़ने के चारों तरफ बैक्टीरिया की संख्या बढ़ी जाति है और थोड़ी भी नमी होने पर कपड़ो, खाने आदि पर फंगस लगने का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है|

  • मानसून के मौसम में सर्दी, फ्लू, इन्फ्लूएंजा, बुखार, गले में खराश और अन्य एयरबोर्न संक्रमण के होने की संभावना ज्यादा रहती है।
  • मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया मानसून के मौसम में मच्छरों के काटने से फैलने वाली खतरनाक बीमारियां हैं।
  • मानसून आते ही खतरनाक बैक्टीरिया लोगों को अपनी चपेट में लेने लगते हैं, स्किन प्रॉब्लम भी आम बात हो जाती है।
  • इस मौसम में पाचन संबंधी बीमारियां भी फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
  • मॉनसून का मौसम निमोनिया जैसी बीमारी को उत्तेजित करता है। निमोनिया पैदा करने वाले बैक्टीरिया और वायरस हवा में मौजूद होते हैं। यह सांस लेने की प्रतिक्रिया के तहत हमारे शरीर में प्रवेश करके हमे संक्रमित कर देते हैं।
  • जॉन्डिस एक अन्य वॉटरबोर्न डिजीज है जो कॉन्टैमिनेटेड फूड और वॉटर से फैलता है। वास्तविक रुप से आसपास की गंदगी भी इसका कारण हो सकती है। वहीं जौंडिस लीवर फेलियर का एक प्रमुख कारण होता है।

संक्रमण के लक्षण :

मानसून और बारिश शुरू होते ही संक्रमण बढ़ने लगते है जिससे कई बीमारियां सामने अति है| बारिश के मौसम में कई तरह के संक्रमण सामने आते है जिनके बारे में जानकारी प्राप्त करके हम इन्हें रोक भी सकते है| आईए जानते हैं इन संक्रमणों के लक्षणों के बारे में।

  • वायरल फीवर; बार बार बुखार आता है, सिर दर्द, बदन दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
  • गैस्ट्रोएन्टराइटिस यानी आंत्रशोथ पाचन तंत्र में संक्रमण और सूजन के कारण होने वाले बीमारी है। इसमें व्यक्ति को पेट में ऐंठन, दस्त और उल्टी जैसी शिकायत हो सकती है।
  • मानसून में एडिस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया होता है. इस बीमारी के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं. यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते हैं. सिरदर्द, आंखों में दर्द, नींद न आना, कमजोरी, शरीर पर लाल चकत्ते बनना और जोड़ों में तेज दर्द इस बीमारी के लक्षण हैं.
  • मानसून में मच्छरों से होने वाली यह दूसरी गंभीर बीमारी है. डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते हैं. इस बुखार से पीड़ित व्यक्ति में सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, कमजोरी, चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
  • मानसून के मौसम में सर्दी, फ्लू, इन्फ्लूएंजा, बुखार, गले में खराश और अन्य एयरबोर्न संक्रमण के होने की संभावना ज्यादा रहती है।

संक्रमण से बचाव के उपाय :

बारिश के मौसम में हर तरफ नमी होती है , और जब कई दिनों तक बारिश की वजह से धूप नहीं निकलती तो यह और भी ज्यादा बढ़ जाती है| बारिश के एमपाउसम में हम नमी को तो नही रोक सकते लेकिन इस मौसम के संक्रमण से बचाव के कई उपाय कर सकते हैं| और हमारी दिनचर्या में ऐसी चीजों को शामिल कर सकते हैं जिनसे हमे संक्रमणों से बचाव हो सकता है, जो इस प्रकार हैं;

  • बारिश का मौसम में संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि आपका घर और आसपास का वातावरण साफ-सुथरा हो। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आसपास कहीं रुका हुआ पानी न हो, क्योंकि यह मच्छरों और अन्य रोग फैलाने वाले कीड़ों के लिए प्रजनन स्थल बन सकता है।
  • बारिश के मौसम में सबसे पहले हमे अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए , हमे अपने भोजन में ऐसे फूड शामिल करना चाहिए जिनके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े यानी इम्यूनिटी बूस्टर फूड खाना चाहिए|
  • इस मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियों को न खाने की सलाह दी जाती है, दरअसल बरसीह के मौसम में इन पत्तेदार सब्जियों में कई तरह के कीड़े पनपने लगते है जिन्हे खाना वर्जित हो जाता है; पत्तागोभी, पालक, अन्य पत्तेदार भाजियां, बीन्स आदि|
  • इस मौसम में हरी सब्जियों में हमे लौकी, गिलकी, करेला, मौसमी फल खाना चाहिए| साथ ही हमे सब्जियों में ऐसे फूड शामिल करना चाहिए जिनसे इम्यूनिटी बढ़े जैसे अदरक, लहसुन, पुदीना, कच्ची हल्दी आदि |
  • इसी के साथ हमे बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए घर में बना ताजा खाना ही खाना चाहिए| बाहर के स्ट्रीट फूड को पूरी तरह अवॉइड करना चाहिए क्योंकि पानी भी स्वच्छ नही होता जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं।
  • बारिश के मौसम में अपने बच्चों को नंगे पैर चलने से बचाएं। बिना फुटवियर के चलने से गंदे पानी की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें इससे बचाने के लिए आप अपने बच्चे को बंद जूते या सैंडल पहनने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • इस मौसम में बासी रखा खाना खाने से बचना चाहिए इस रखे हुए खाने में बैक्टीरिया पनपने के ज्यादा चांस होते है और साथ ही फ्रिज में रखे कहने को भी खाने से बचना चाहिए| इस मौसम में पानी को उबाल कर ठंडा करके पीना चाहिए |

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