मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया है कि, मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति के लिए जाति का कोई बंधन नहीं रहेगा।
शर्त यह रखी गई है कि , व्यक्ति मंदिर के नियमों को अच्छी तरह जानता हो और उसके नियमों को अच्छी तरह पालन करें।
जस्टिस ए आनंद वेंकटेश ने कहा कि मंदिरों में पुजारियों को नियुक्त करने का अधिकार ट्रस्टीयों के लिए हमेशा खुला रहेगा। ताकि यह तय कर सके की पुजारी पांडित्यकर्म के लिए पूरी तरह से निपुण है, उचित रूप से प्रशिक्षित है, योग्य है या नहीं।