आई के शिक्षा जगत में प्रयोग के साथ शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति तो आएगी लेकिन शिक्षकों की जरूरत खत्म हो जाएगी आई से पढ़ाई में सुधार तो होगा लेकिन शिक्षकों की जरूरत ही नहीं रहेगी यह एक बड़ा खतरा है एआई में हो रही प्रगति से स्कूलों के बंद होने की संभावना है यहां तक कि हो सकता है कि शिक्षकों की भी जरूरत ना पड़े।
एआई के पास जानकारी का अभाव नहीं है इसीलिए अब छात्र अपने पाठ्यक्रम से जुड़े विषयों के बारे में पढ़ने के साथ-साथ कहीं बम बनाने जैसी तकनीक ना सीखने लग जाए।
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर वैज्ञानिक प्रोफेसर ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की एआई गुड ग्लोबल सम्मेलन के दौरान कहा कि चैटजीपीटी जैसे पर्सनल ट्यूटर्स में स्मार्टफोन के जरिए ट्यूशन से शिक्षा को अत्यधिक बेहतर और पूरी दुनिया में पहुंचाने की क्षमता है।
लेकिन रसेल ने मानव पर किए गए अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा है कि क्लासरूम में की जाने वाली पढ़ाई की तुलना में 3 गुना अधिक प्रभावी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एआई के आने से शिक्षकों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो सकती है। क्योंकि इसका ज्ञान सीमित नहीं है यह अपार ज्ञान से भंडारित है जिससे कि बच्चे इससे अच्छे ज्ञान के साथ-साथ कोई और बात भी सीख सकते हैं।
शिक्षा या किसी भी क्षेत्र में एआई को लाने से पहले से ट्रेन और काबू करना बहुत जरूरी है।