प्राचीन काल में भारत देश में ज्योतिष विद्या बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती थी और इससे कई महत्वपूर्ण कार्य संपन्न किए जाते थे। जो अभी आधुनिक युग में समाप्त हो गई है, जिसके लिए लोगों को फिर से जागरूक करने के लिए, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहला ज्योतिष सम्मेलन होने जा रहा है जो कि 11 जुलाई से शुरू हो कर दो दिवस तक चलेगा। इसमें पहली बार ड्रेस कोड धोती कुर्ता, पायजामा, साड़ी और सलवार सूट रखा गया है। यह ज्योतिष सम्मेलन भोपाल स्थित बाल्मी सभागार में अयोजित होगा। भोपाल के पंडितों और ज्योतिषियों के अलावा पूरे देश से 125 ज्योतिषी शामिल होंगे। यह सभी अलग-अलग विधाओं के विषय विशेषज्ञ है, जो भोपाल पहुंचेंगे।
इनमें से 35 महिला ज्योतिषी भी हैं। इस सम्मेलन में विचार विमर्श का विषय “संस्कृति के पुनरुत्थान में ज्योतिष की भूमिका” विषय रखा गया है यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के सहयोग व संयोजन से आयोजित किया जा रहा है।
ज्योतिष विशेषज्ञ ने बताया कि ज्योतिष सम्मेलन रखने का महत्वपूर्ण उद्देश्य ज्योतिष की खो रही विधाओं को फिर से स्थापित करना है उनका कहना है कि कालिदास काव्य ज्योतिष, पंच पक्षी ज्योतिष, नाडी ज्योतिष, तैलीय तंत्र ज्योतिष, प्रश्न ज्योतिष जैसी अन्य विधाओं की ज्योतिष को फिर से जीवित करना ही इनका उद्देश्य है। ज्योतिष एक ऐसी शिक्षा है जो हमारे देश में पहले से चली आ रही है जिससे आधुनिक युग में अंधविश्वास मानकर विश्वास करना छोड़ दिया है लेकिन यह अंधविश्वास नहीं।