chandrayaan-3 ,5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था। वही इसरो ने रविवार 6 अगस्त को रात करीब 11:00 बजे chandrayaan-3 की ऑर्बिट दूरी घटा दी है। अब चंद्रयान 3 चंद्रमा के 170 किलो मीटर × 4313 किलोमीटर की अंडाकार कक्षा में घूम रहा है। यानी अब चंद्रयान ,चंद्रमा की ऐसी कक्षा में गति कर रहा है, जहां पर उसकी सबसे कम दूरी 170 किलोमीटर है चंद्रमा से और सबसे ज्यादा दूरी 4313 किलोमीटर है।

इसरो ने बताया कि चंद्रयान की कक्षा बदलने के लिए उसका इंजन कुछ समय के लिए चालू किया गया था। अब यह इंजन एक बार फिर से 9 अगस्त को चालू किया जाएगा। जिससे कि फिर उसकी कक्षा में बदलाव होगा।

1 अगस्त को chandrayaan-3 पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चांद की कक्षा की ओर बढ़ गया था वही वह 5 अगस्त को चांद की कक्षा में पहुंच गया और उस के चक्कर लगाने लगा था। Chandrayaan-3 , 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के डार्क हिस्से में लैंडिंग करेगा। लैंडिंग करने से पहले यह चार बार अपनी कक्षा को बदलेगा।

चंद्रमा पर उतरने के बाद यह 14 दिन तक प्रयोग करता रहेगा। लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल ये तीनों हिस्से चंद्रायन के मैन हिस्से है। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरने के बाद 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे , प्रोफेशन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशंस का अध्ययन करेगा।

इस मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा की चांद की सतह पर भूकंप कैसे आते हैं , यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।

14 जुलाई को chandrayaan-3 को पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा गया था। पूरे 22 दिन तक का सफर पूरा कर 5 अगस्त को chandrayaan-3 ,चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा।

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