चंद्रयान 3 को 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था। यह अब चांद की ओर निकल पड़ा है। कल यह चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा और लगभग 15 18 दिन तक उसकी कक्षा में घूमता रहेगा। उसके बाद 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव यानि डार्क साइड पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यह चांद की मिट्टी का परीक्षण करेगा ।
बता दें कि चंद्रयान 3 ने अभी तक चांद की ओर जाने के लिए दो तिहाई दूरी तय कर ली है वह कल शाम 7:00 बजे तक चंद्रमा की कक्षा में होगा यानी 5 अगस्त को वह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। चंद्रयान भारत का सपना है अगर chandrayaan-3 मिशन सफल हो जाता है तो भारत ऐसा पहला देश बन जाएगा जो कि चंद्रमा की डार्क साइड पर लैंडिंग कर सका।
इसरो वैज्ञानिकों ने 1 अगस्त को chandrayaan-3 को पृथ्वी की कक्षा से चांद की कक्षा की ओर जाने के लिए इंजन चालू किया था। इसे ट्रांसलोनार इंजेक्शन कहा जाता है ,जिसमें कक्षा बदलने के लिए इंजन को दोबारा चालू करके उसकी स्पीड बढ़ाई जाती है। और उसे चांद की ओर मोड़ा था। अब वह दो तिहाई दूरी तय कर चुका है।
अभी तक chandrayaan-3 पृथ्वी की कक्षा में अंडाकार गति कर रहा था 1 अगस्त को जब चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा से जहां सबसे ज्यादा दूरी पर था, तब इसे ट्रांसलोनार इंजेक्शन दिया गया और कुछ देर के लिए इंजन चालू किया गया था ताकि यह अपने कक्षा को छोड़ चांद की ओर बढ़ सके। Chandrayaan-3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा और वह चांद की मिट्टी का परीक्षण करेगा और चांद पर किस तरह भूकंप आते हैं यह पता लगाएगा।