इसरो ने अपने सफल चंद्रयान मिशन के कुछ ही दिनों बाद सूर्य मिशन “आदित्य L1” लॉन्च किया था| इसरो ने यह सूर्ययान 2 सितंबर को लॉन्च किया था| और वह समय समय पर इसका ऑरबिट चेंज करके उसे बढा रहे है| इसरो ने एक बार फिर से आदित्य L1 की कक्षा को बढ़ा दिया है| यह चौथी बार है जब इसरो ने आदित्य की कक्षा को बढ़ाया है|
इसरो ने 15 सितंबर को आदित्य के इंजन को एक बार फिर चालू किया। इसरो ने एक बार फिरसे इसे थ्रस्टर फायर दिया और इसकी ऑरबिट बढ़ाई है। अब आदित्य की अर्थ से दूरी 256 KM है| इससे पहले इसरो ने इसकी कक्षा को 10 सितंबर को बढ़ाया था| और वह 3 और 5 सितंबर को भी कक्षा को बढ़ा चुके है|
आदित्य L 1 लगभग चार महीने बाद L1 प्वाइंट पर पहुंचेगा| L 1 प्वाइंट सूर्य का अध्ययन करने के लिए सबसे बेहतर प्वाइंट है, क्योंकि इस प्वाइंट पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव भी नही पड़ता| यह पूरे 16 लाख किलोमीटर तक की दूरी तय करके वहा पहुंचेगा| वहा रहकर यह सूर्य के कई तरह से अध्ययन करेगा| कई जानकारियां इसरो तक पहुंचाएगा और नए इतिहास रचेगा|
आदित्य एल 1 सूर्य के ऊर्जा और उसमे हो रहे नाभिकीय संलयन की घटना को भी अध्धयन करेगा| और अनेकों राजो से पर्दा उठाया जाएगा| बता दे की यह सूर्य मिशन इसरो और भरत का पहला सूर्य मिशन है| भारत के चंद्रयान मिशन के सफल होने के बाद सबने अतः पूरी दुनिया ने भारत का लोहा माना है|