देश में अब चुनावी माहौल पूरी तरह गर्माया हुआ है। हर तरफ सरकार और पार्टियां चुनाव की तैयारी में लगी हुई है। वही हर पार्टी अपनी अलग रणनीति के साथ इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हुई है। नेता अपना हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि वह जनता को अपनी ओर आकर्षित कर सके और वोट बटोर सकें। इसके चलते सरकार में बैठे लीडर आए दिन नई-नई घोषणाएं करके लोगों को लुभा रहे हैं।

अब पार्टियां अपने उम्मीदवारों का भी चेहरा उजागर करने लगी है। हाल ही में मध्य प्रदेश में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए लिस्ट जारी की गई है। इसी के चलते मध्य प्रदेश की तर्ज पर ही भाजपा अब सभी राज्यों में सांसदों को चुनाव लड़ने के लिए उतारेगी। इसके लिए राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना के सांसदों को भाजपा ने तैयार रहने के लिए कहा है।

इस साल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाएगी। तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को प्रत्याशी बनाने के बाद भाजपा अन्य राज्यों अन्य लोगों को भी चुनाव लड़ने के लिए उतारेगी।

पार्टी के एक वरिष्ठ महासचिव ने इस बात की पुष्टि की है कि उनका कहना है अभी जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव है वहां कई मौजूदा सांसदों को और मंत्रियों को चुनाव लड़ने के लिए भेजा जाएगा।

इसके पीछे वजह क्या है? इस पर पदाधिकारी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी उस किसी भी राज्य में विधानसभा चुनाव नहीं जीती जहां इस साल चुनाव है , लेकिन विधानसभा के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन राज्यों में शानदार प्रदर्शन किया है।

एक संसदीय क्षेत्र में लगभग 6 से 5 विधानसभा सीटें हैं ऐसे में मौजूदा सांसद 5 से 6 अन्य प्रत्याशियों के वोट शेयर को भी बढ़ा सकता है। पार्टी को इसका लाभ होगा। वही पार्टी के एक नेता कहते हैं की कोशिश यही होगी कि इतने सांसदों को विधानसभा लड़ाया जाए ताकि विधानसभा की 40- 45 फ़ीसदी सीटों पर सांसदों को लड़ाने का लाभ अन्य प्रत्याशियों को भी मिल सके।

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