अगर आपको भी हरियाली पसंद है हरे पौधे और गार्डनिंग या बागवानी पसंद है। तो आपको कुछ चीज जान लेनी चाहिए पौधों को किस चीज की जरूरत है कब है और कितनी है जैसे बगिया के पौधों में हम खाद तो डालते हैं लेकिन कब और कौन सी खाद कितनी डालनी है यह भी हमें जानना आवश्यक है। अगर आप भी गार्डनिंग करते हैं तो आपको भी यह बातें पता होना चाहिए, कि पौधों में खाद डालने के तरीके क्या है और उनकी देखभाल किस तरह करनी होगी। अगर आप भी इन टिप्स को फॉलो करते हैं तो आपके पौधे भी हमेशा स्वस्थ और खिले हुए हरे-भरे बने रहेंगे।
पौधों को स्वस्थ रखने में खाद की अहम भूमिका होती है यदि खाद की मात्रा कम या बहुत ज्यादा हो जाए तो पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, पौधे मुरझाने लगते हैं, मिट्टी की सतह पर पपड़ी बनने लगती है, इसीलिए खाद डालने का समय और जरूरत इन दोनों को समझना ही बहुत जरूरी है। पौधों में कौन सी खाद डालें ,कितनी मात्रा में डालें ,कितनी बार डालें और कितने अंतराल में डालें यह सब बातें पता होना हमें जरूरी है अगर आप गार्डनिंग करते हैं और पौधों को स्वस्थ रखना चाहते हैं।
पौधे में खाद डालने का तरीका इन सब बातों पर भी निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के पौधे लगा रहे हैं व पौधों को किन-किन पोषक तत्वों की आवश्यकता है।
सबसे अच्छी है गोबर की खाद: वैसे तो खाद का डाला जाना उसके प्रकार पर निर्भर करता है लेकिन गोबर की खाद एक ऐसी खाद है जो हर पौधे में डाली जा सकती है इस खाद में पौधों को संपूर्ण पोषक तत्व आसानी से मिल जाते हैं। इसको तरल रूप में तैयार कर पौधों पर डालें 5.0 लीटर पानी में 100 ग्राम गोबर की खाद मिलाकर प्रयोग करें। वही सुखी डालना है तो एक मुट्ठी एक पौधे के लिए पर्याप्त है गोबर की खाद को दो महीने के अंतराल में डालें। गर्मियों में नहीं डालना चाहिए।
खाद डालने के लिए पौधे खुद देते हैं संकेत: पौधों पर नजर आने वाले संकेतों को पहचानने के लिए आवश्यक है कि नियमित रूप से पौधों की देखभाल करें और पौधों को देखते रहे। पत्तियों का पीला पढ़ना, पौधे की बढ़त रुक जाना ,कम फूल व फलों का आना। यह संकेत देता है कि पौधों को खाद की आवश्यकता है या फिर पौधों में कुछ मिनरल्स कम पड़ रहे हैं जिससे उनके बढ़त में रुकावट हो रही है इसीलिए पौधों को ऐसे लक्षण दिखते ही खाद देना चाहिए।
खाद की पैकेट पर लिखा निर्देशों को जरूर पढ़ें: पौधों में कितनी बार खाद ,उर्वरक दे,यह उसके पैकेट पर लिखा रहता है। खाद व उर्वरक डालते समय पैकेट पर लिखा दिशा निर्देशों को आवश्यक रूप से पढ़ना चाहिए। तरल उर्वरकों को पौधों की वृद्धि के समय महीने में दो बार डालें। दानेदार उर्वरकों को 6 से 8 हफ्ते में एक बार डालें और कम वृद्धि वाले पौधों को पूरे मौसम में एक दो बार खाद देनी चाहिए।
बढ़ाने के लिए जरूरत के अनुसार होनी चाहिए खाद: पौधों को बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जब पौधे तेजी से बढ़ रहे हो तब उनकी अच्छी बढ़वार के लिए अधिक मात्रा में खाद देनी चाहिए। फल और फूलों के आते समय पौधों को फास्फोरस और पोटेशियम तत्व देने चाहिए और उर्वरकों की आवश्यकता जब हो तब उन्हें उस उर्वरक को देना चाहिए।
ऑर्गेनिक खाद का करें उपयोग: पौधों को बढ़ाने के लिए और पौधों में फल फूल को ज्यादा संख्या में उगने के लिए लोग अपने पौधों में कई केमिकल्स युक्त खादो का उपयोग करते हैं लेकिन इनसे बचना चाहिए। मार्केट में उपलब्ध ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग करना चाहिए इनसे पौधों को नुकसान नहीं होता जिससे कि फल सब्जी या फूल वाले पौधे सही गुणवत्ता में लगते हैं।