5 साल में खत्म हो जाएंगी 8.3 करोड़ नौकरियां।

वर्ल्ड इकोनामिक फोरम की फॉर फ्यूचर ऑफ जॉब रिपोर्ट 2023 के अनुसार 2027 तक दुनिया भर में 6.9 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे लेकिन इसी अवधि में 8.3 करोड़ पारंपरिक नौकरियां खत्म हो जाएंगी इनमें 2.6 करोड़ नौकरियां कैशियर्स टिकट क्लर्क डाटा एंट्री और एकाउंटिंग से जुड़े होंगी यह नौकरियां एआई की वजह से ऑटोमेशन में बढ़ोतरी के परिणाम स्वरुप खत्म हो जाएंगे सालाना आधार पर देखें तो हर साल 10.2% नए जो पैदा होंगे वह भारत से 3% जॉब खत्म हो जाएंगे

व्हाइट कॉलर जॉब पर होगा सबसे ज्यादा खतरा।

कृष्णा के एक सर्वे के अनुसार न्याय की वजह से ज्यादातर खतरा वाइट कलर जॉब पर ही होगा जहां तकनीकी या दिमाग का इस्तेमाल अधिक होता है जैसे आईटी टेक वित्तीय प्रशासन और विधि क्षेत्र blue-collar नौकरियां यानी जिनमें फिजिकल मेहनत शामिल होती है उन पर इसका खतरा अपेक्षित काम होगा लेकिन लेकिन जिन क्षेत्रों में लगातार एक जैसा काम होता है जैसे मोबाइल फोन की असेंबली लाइन तैयार करना वहां एआई संचालित रोबोट से काम छीन लेंग।

ऑफिसों में 50% कार्य हो सकता है स्वचालित।

गोल्डमैन सेट की इसी मार्च महीने में आई एक रिपोर्ट के अनुसार अगले 2 साल में दुनिया भर की कुल नौकरियों के 18 फ़ीसदी हिस्से एआई की वजह से स्वचालित हो सकते हैं वही मैं केजी की एक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा कार्य गतिविधियों में से 50 फ़ीसदी ऐसे हैं जिनके अगले 5 साल में ऑटोमेटेड होने की गुंजाइश है यानी आधी नौकरियां स्वचालित जाएंगे 2027 तक कार्य स्थलों पर 50% काम को ऑटोमेशन द्वारा किया जाएगा।

23 से 24% लोगों को बदलना पड़ेगी अपनी मौजूदा नौकरी।

वर्ल्ड इकोनामिक फोरम रिकॉर्ड का यह कहना है कि अगले 5 सालों में दुनिया भर के करीब एक चौथाई यानी लगभग 23 से 25% जॉब की प्रकृति बदल जाएगी मैं केजी ग्लोबल इंस्टीट्यूट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार इसका समर्थन करती है और इस रिपोर्ट के अनुसार लगभग 2030 तक 37 करोड़ लोगों को अपने मौजूदा काम को और नौकरियों को बदलना पड़ सकता है जो लोग इस बदलाव को स्वीकार करेंगे वही जॉब मार्केट में टिक पाएंगे जो

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