14 जुलाई 2023 को चंद्रयान 3 को प्रक्षेपित किया गया था। तब यह 15 जुलाई को पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया था और लगातार वहां के चक्कर लगा रहा था। अब हाल ही में इसने चंद्रमा की ओर अपना रुख कर लिया है। और यह चंद्रमा की यात्रा पर निकल चुका है।

पृथ्वी से 236 किलोमीटर दूर स्थित chandrayaan-3 का इंजन इसरो द्वारा एक बार फिर चालू किया गया था। इसे ट्रांस लोनार इंजेक्शन कहा जाता है अभी तक चंद्रमा पृथ्वी की अंडाकार कक्षा में उसका चक्कर लगा रहा था। अब ट्रांस लोनार इंजेक्शन देने के बाद ,जिससे इसमें अपनी कक्षा बदल ली और चाल तेज करके यह चंद्रमा की ओर मुड़ गया। अब chandrayaan-3, 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा तक पहुंच जाएगा और फिर उसके चक्कर लगाना शुरु करेगा।

बता दें कि chandrayaan-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल मौजूद है। Chandrayaan-3 के लेंडर और रोवर चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेंगे, जोकि डार्कसाइड है इस पर अभी तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है। अगर हम अपना chandrayaan-3 चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचा देते हैं। तो विश्व का पहला देश बन जाएंगे। जो कि चांद के डार्क हिस्से में, साउथ पोल तक पहुंच चुका होगा। Chandrayaan-3 कै लेंडर और रोवर चंद्रमा पर 14 दिन तक प्रयोग करते रहेंगे और प्रोपल्शन मॉड्यूल इसकी कक्षा में ही रहेगा और पृथ्वी से भेजे गए सिगनल्स को कंट्रोल करेगा और उन्हें प्राप्त करेगा।

बता दें कि chandrayaan-3 चांद की धरती पर उतरेगा और वहां की धरती का अध्ययन करेगा यानी वहां की मिट्टी वहां के वातावरण आदि का सैंपल लेगा और उसका अध्ययन करेगा वहां पर जीवन है या नहीं और वहां पर किस तरह के ज्वालामुखी और भूकंप आते हैं यही सब अध्ययन होगा।

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