कोरोना जैसी महामारी से दुनिया अभी उभरी ही थी के चीन से फिर एक डराने वाली खबर सामने आ रही है। चीन में लगातार बच्चों पर खतरा मंडरा रहा है अभी देश में कोरोना के मामलों में कमी आई ही थी कि एक बार फिर से एक नई महामारी ने आने की संभावना WHO ने जाता दी है। नई बीमारी की शुरुआत अब फिर से चीन से ही हो रही है चीन के बच्चों में सांस की बीमारी फैल रही है जिसे लेकर WHO ने चेतावनी जारी की है उत्तरी चीन के बच्चों में सांस से संबंधित बीमारी फैलने से अब फिर से एक बार महामारी का खतरा पूरे विश्व पर मंडराने लगा है।
चीन में एक बार फिर रहस्यमई फ्लू के कारण दुनिया में सुर्खियो में है। उत्तरी चीन में बच्चों में फ्लो, निमोनिया जैसी बीमारी तेजी से बढ़ रही है हालत यह है कि 24 घंटे में हजारों केस सामने आए हैं। WHO का कहना है कि अक्टूबर 2023 के मध्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन चीनी निगरानी प्रणालियों के डाटा की निगरानी कर रहा है जिसमें उत्तरी चीन में बच्चों में सांस की बीमारी में लगातार बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। आज WHO ने चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक टेलीकांफ्रेंस आयोजित की जिसमें उन्होंने उत्तरी चीन में बच्चों में सांस की बीमारियों पर डाटा प्रदान किया है। उत्तर चीन में माईकोप्लाज्मा ,निमोनिया और अक्टूबर से आर ए बी एडिनोवायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण वहां रोगी परामर्श और बच्चों के अस्पताल में प्रवेश में वृद्धि का संकेत दे रहा है। WHO स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और चीन में राष्ट्रीय अधिकारियों के साथ निकट संबंध बनाए हुए हैं।
WHO लगातार दे रहा है चेतावनी:-
उत्तरी चीन में एक अलग तरह की बीमारी देखने को मिल रही है जो सबसे ज्यादा बच्चों में फैल रही है WHO की माने तो इन बच्चों में सांस संबंधी और निमोनिया से संबंधित बीमारी का पता चला है हालांकि इसके लक्षण निमोनिया से भी अलग है बच्चों में तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और फ्लू की समस्या देखने को मिल रही है। WHO ने इस पर कहा कि इस बीमारी के सामने आते ही वह एक्टिव हो गए हैं और स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि वह इस पर नजर बनाए हुए हैं इसी के साथ चीन को भी इसकी सख्त निगरानी करने की हिदायत दे चुका है।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन को इसी के साथ हर जानकारी साझा करने के निर्देश दिए हैं चीन के लोगों से भी एजेंसी ने इस बीमारी के उपाय का पालन करने को कहा है सभी लोगों को बीमार लोगों से दूरी बनाए रखने की हिदायत दी गई है ,बीमार होने पर घर पर रहने और मास्क पहनने की अपील भी की गई है।
24 घंटे में हजारों कैस आए सामने:-
उत्तरी चीन में बच्चों में फ्लो निमोनिया जैसी बीमारी तेजी से बढ़ने के चलते 24 घंटे में 13000 से ज्यादा कैस रिकॉर्ड किए गए हैं। हालात यह हो गए हैं कि अस्पताल में भर्ती होने के लिए लंबी वेटिंग लगी हुई है स्कूलों और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है। इसी बीच वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने औपचारिक संदेश भेजकर चीन से कहा कि वह बच्चों में फैले अज्ञात निमोनिया और सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करें। राजधानी बीजिंग और तियांजिन शहरों के अस्पतालों में निमोनिया और फ्लू से पीड़ित बच्चों के केसों में भारी उछाल देखा गया है। बीजिंग के एविएशन जनरल हॉस्पिटल में रोजाना 550 से 650 कैसे आ रहे हैं जो पिछले साल की तुलना में 30 से 50 फ़ीसदी ज़्यादा बताई जा रहे हैं।
अगर चीन की राजधानी बीजिंग की बात करें तो करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित एक चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डायरेक्टर ने कहां की 24 घंटे में उनके कैंपस में 13000 से ज्यादा बच्चे एडमिट कराए जा चुके हैं हमारा स्टाफ घबराया हुआ है। वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं उनके यह भी घर में बच्चे हैं जिनमें बुखार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। अगर इस बीमारी को भी ध्यान में रखा जाए तो जिस तरह कोरोना ने अपने हाथ और पैर फैलाए थे उसी तरह चीन से फिर से एक बार यह नई बीमारी निकल रही है जिनकी तादाद कोरोना से भी ज्यादा और रफ्तार कोरोना से ज्यादा है। और इसके आंकड़े डरा देने वाले हैं।
चीन की सरकारी मीडिया अपील कर रही है कि बच्चों का बुखार 3 दिन के बाद भी सही नहीं हो तो ही उन्हें डॉक्टर के पास ले जाएं। चीन ने 2003 में सोर्स और 2020 में कोरोना के शुरुआती मामलों को छुपाया था ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी में बायो सिक्योरिटी के प्रोफेसर का कहना है कि चीन में प्रदर्शित नहीं है कोविद के समय को देखते हुए who के द्वारा सामने से चीन से जानकारी मांगना चाहिए। चीन में कई जगह यह बीमारियां फैल रही है वहां हालात यह है कि अस्पताल के स्टाफ के लोगों को ही अपने बच्चों के लिए बेड के लिए वेटिंग लगानी पड़ रही है जो की तीन-चार दिन नहीं 5 ,6 दिन तक की है। पेडियाट्रिक डॉक्टर के पास अपॉइंटमेंट नहीं मिल रही है अस्पतालों में बेड खाली नहीं है। एक साथ कई बच्चों के एडमिट होने से अस्पतालों में पेडियाट्रिक डॉक्टर्स की कमी हो रही है कार्डियो ,न्यूरोलॉजी और क्रिटिकल केयर के सीनियर डॉक्टरों की भी मदद ली जा रही है। हालत काफी गंभीर नजर आ रहे हैं इसके चलते सभी को ध्यान में रख ध्यान देने और मास्क लगाने की अपील की गई है।